हत्या के झूठे मुक़दमे में पांच साल जेल में बिताने वाले दंपत्ति के बच्चों के लापता होने का मामला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में सुओ मोटो यानी स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की
हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
यूपी सरकार को पांच हफ्ते में जवाब और लापता बच्चों की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा, 26 अप्रैल को होगी मामले की अगली सुनवाई, पुलिस की लापरवाही की वजह से आगरा के दंपत्ति को जेल में बिताने पड़े थे पांच
पति -पत्नी के जेल में रहने की वजह से उनके दोनों बच्चे हो गए लापता, दस साल का बेटा और पांच साल की बेटी का नहीं चल रहा है कोई पता, माता पिता के जेल भेजे जाने के बाद अदालत के आदेश पर दोनों बच्चों को अनाथालय भेजे जाने का हुआ था आदेश।
अनाथालय भेजे जाने वक़्त बेटा पांच और बेटी तीन साल की थी, पांच साल के बच्चे की हत्या के आरोप में दंपत्ति को भेजा गया था जेल, पुलिस की झूठी जांच और गलत चार्जशीट की वजह से दंपत्ति को पांच साल तक रहना पड़ा था जेल।
साल 2015 में हुई थी पांच साल के बच्चे की हत्या, आगरा के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट को फर्जी मानते हुए दंपत्ति को रिहा किये जाने का दिया था आदेश, अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर ने असली अपराधियों का पता लगाने के बजाय दंपत्ति के खिलाफ बिना किसी आधार के चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
जल्द जांच पूरी करने और वाहवाही लूटने की कोशिशों के चलते बिना किसी तथ्य के दाखिल की गयी थी चार्जशीट, जेल से रिहा होने के बाद दंपत्ति ने अपने बच्चों को तमाम जगह तलाशा, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला,दंपत्ति ने एसएसपी समेत कई अधिकारियों से गुहार भी लगाई, लेकिन बच्चों का फिर भी पता नहीं चला।
मामला संज्ञान में आने पर हाईकोर्ट ने खुद ही पीआईएल कायम कर मामले की सुनवाई की।
जस्टिस संजय यादव और जस्टिस जयंत बनर्जी की डिवीजन बेंच ने की सुनवाईअदालत ने यूपी सरकार से बच्चों के लापता होने पर जवाब मांगा है और साथ ही उनका पता लगाकर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है