सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के ख़िलाफ़ बीजेपी के एक नेता की ओर से दायर राजद्रोह के मामले को रद्द कर दिया है.
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने दुआ के यूट्यूब शो को लेकर उनके ख़िलाफ़ राजद्रोह व अन्य आरोपों में मामला दर्ज करवाया था.
हालाँकि न्यायाधीश यूयू ललित और विनीत शरण ने विनोद दुआ के इस आग्रह को भी नामंज़ूर कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि 10 साल से ज़्यादा अनुभव वाले पत्रकारों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर तब तक दर्ज नहीं होनी चाहिए जब तक कि उसे एक समिति पास ना कर दे.
अदालत ने पिछले वर्ष 20 जुलाई को इस मामले में उनके ख़िलाफ़ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने के लिए ली गई सुरक्षा को को अगले आदेश तक बढ़ा दिया था.
अदालत ने कहा था कि उन्हें हिमाचल प्रदेश पुलिस की ओर से भेजे गए किसी भी अन्य प्रश्न का जवाब देने की आवश्यकता नहीं है.
विनोद दुआ के ख़िलाफ़ पिछले वर्ष 6 मई को हिमाचल प्रदेश के एक स्थानीय नेता श्याम ने शिमला ज़िले के कुमारसेन थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी.
उन्होंने शिकायत की थी कि दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ कुछ आरोप लगाए थे.