जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले के बाद पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ बैठक की. इस बैठक में जम्मू अटैक पर चर्चा हुई और मंत्रियों के साथ ड्रोन नीति पर भी मंथन किया गया. बता दें कि ड्रोन के सिविल यूज को लेकर एक नीति पहले से ही पाइपलाइन में है. जम्मू कश्मीर में हुए ड्रोन हमले के बाद से सुरक्षा के कुछ पहलूओं पर फिर से विचार करने की जरूरत है. सुरक्षा संबंधी मसलों पर चर्चा के लिए यह बैठक तय की गई थी.
ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर प्रस्तावित नीति में कहा गया है कि सिविलयन्स द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल जारी रहेगा लेकिन सुरक्षा के लिहाज से एक सख्त क्रियाविधि जारी रहेगी. सुरक्षा के लिहाज से कुछ इलाकों में ड्रोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जा सकती है. इसके अलावा बैठक में नागरिक उपयोग के लिए संबद्ध किए जा रहे ड्रोन के संबंध में सुरक्षा उपायों पर भी चर्चा की गई.
हाल ही में जारी गाइडलाइंस के मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से जारी किए किए गए अनमैंड एयरक्राफ्ट सिस्टम रूल, 2021 के तहत 250 ग्राम से कम वजन के साथ ड्रोन उड़ाने के लिए लाइसेंस या अनुमति की जरूरत नहीं होती है. ऐसे नो फ्लाइंग जोन हैं जहां ड्रोन उड़ाने की मनाही है.
बता दें कि बीते शनिवार रात को एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से दो धमाके किए गए. देश में ये पहली बार था जब आतंकियों ने सैन्य ठिकाने पर हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया. इसके बाद अगले ही दिन रविवार रात को एक बार फिर मिलिट्री स्टेशन पर दो ड्रोन देखे गए. सेना के जवानों ने इन्हें देखते ही फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन ये ड्रोन कहीं गायब हो गए.ड्रोन हमलों की आशंका के बीच पूरे कश्मीर के प्रमुख केन्द्रों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
गौरतलब है कि पिछले दो सालों से पाकिस्तान एके-47 एसॉल्ट राइफल, गोला बारूद और ड्रग भारत भेजने के लिए यूएवी (अनमैंड एरियल व्हीकल) का इस्तेमाल कर रहा है,विशेष तौर पर पंजाब और जम्मू बॉर्डर पर ऐसा किया जा रहा है. अतीत में कई ड्रोन देखे गए हैं और इन्हें निष्क्रिय भी किया गया है और हथियार भी बरामद हुए हैं.
(भाषा इनपुट से)