महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शुक्रवार सुबह देशमुख के नागपुर स्थित आवास पर पहुंचा. अधिकारी देशमुख के आवास पहुंचे और सुबह से ही तलाशी शुरू कर दी. हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई कि इस दौरान अनिल देशमुख आवास पर मौजूद रहे या नहीं. ईडी के अधिकारियों द्वारा मामले में पुलिस उपायुक्त स्तर के एक अधिकारी का बयान दर्ज किए जाने के एक दिन बाद यह बात सामने आई है.
डीसीपी राजू भुजबल जो वर्तमान में मुंबई पुलिस की प्रवर्तन शाखा के प्रभारी हैं, उनके अधिकार क्षेत्र में समाज सेवा शाखा है. यह समाज सेवा शाखा है जो चेक करती है और पब, हुक्का पार्लर, डांस बार, बार और रेस्तरां पर छापेमारी करती है.
भुजबल के अलावा, सूत्रों ने कहा कि इस मामले में ईडी ने कुछ अन्य पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की है. वहीं बताया जा रहा है कि ईडी देशमुख से पूछताछ से पहले मामले में पुलिस अधिकारियों सहित कई अन्य लोगों को तलब कर सकती है.
गौरतलब है कि पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाया था. इन आरोपों की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार ने जस्टिस चांदीवाल आयोग का गठन किया गया है. इन्हीं आरोपों के कारण अनिल देशमुख को गृह मंत्री पद से हटा दिया था और पूरे मामले की जांच ईडी और सीबीआई कर रही है.
क्या है पूरा मामला
परमबीर सिंह ने मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने और राज्य होम गार्ड का डीजी बनाए जाने के बाद 20 मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था. सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कुछ पुलिस अधिकारियों को हर महीने मुंबई के बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था.
इस पूरे मामले की जांच के लिए सरकार ने एक आयोग का गठन किया था. इस पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि समिति को न्यायिक आयोग नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसे जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत शक्तियां नहीं दी गई हैं. इसके बाद सरकार ने आयोग को सिविल कोर्ट की शक्तियां दे दी थी.
(भाषा इनपुट से)