कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए देश में वैक्सीन उत्पादन का काम जोरों पर चल रहा है. इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से भारत में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी बनाने के लिए परीक्षण लाइसेंस की अनुमति मांगी. जिसपर डीसीजीआई ने आज (शुक्रवार) स्पुतनिक-वी के निर्माण के लिए सीरम को मंजूरी दे दी है.
डीसीजीआई की मंजूरी मिलने के बाद सीरम भारत में स्पुतनिक-वी का निर्माण कर सकेगा. डीसीजीआई ने स्पुतनिक-वी के एग्जामिनेशन, टेस्ट और एनालिसिस के साथ निर्माण की इजाजत दी है.
बता दें कि सीरम पहले से ही कोविड वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) का निर्माण कर रही है. लेकिन अब यह कंपनी रूसी वैक्सीन स्पुतनिक का भी प्रोडक्शन करेगी. सीरम इंस्टीट्यूट ने टेस्ट, एनालिसिस और एग्जामिनेशन के लिए डीसीजीआई के पास आवेदन किया था.
भारत में अभी स्पुतनिक-वी का निर्माण डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज द्वारा भी किया जा रहा है. इस रूसी वैक्सीन का इस्तेमाल 14 मई से शुरू हुआ था. स्पुतनिक अब तक 50 से अधिक देशों में रजिस्टर्ड है. एक स्टडी के मुताबिक, इस वैक्सीन की प्रभावकारिता (दोनों डोज) 97.6 फीसदी है.
उधर, सीरम इंस्टीट्यूट ने मांग की है कि विदेशी वैक्सीन कंपनियों की तरह उन्हें भी सरकार द्वारा संरक्षण दिया जाए. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट समेत अन्य देसी वैक्सीन कंपनियों ने अब अपील की है कि उन्हें भी सरकार द्वारा संरक्षण दिया जाना चाहिए, अगर विदेशी कंपनियों को ये सुविधा मिल रही है.
दरअसल, अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर और मॉडर्ना ने सरकार से संरक्षण मिलने की अपील की थी. ताकि वैक्सीन के बाद अगर किसी तरह की दिक्कत होती है, तो कोई भी कंपनी पर कानूनी कार्यवाही ना कर सके. अब सीरम के अलावा भारत बायोटेक भी सरकार से ऐसी मांग कर रहा है.
(भाषा इनपुट से)