शबेरात की रात अपने पुरखों की कब्रों पर फातेहा पढ़ने पहुंचे लोग।
इबादत की रात शब-ए-बरात (शबेरात) पर रविवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने पुरखों को याद किया। शबेरात पर पूरा दिन, पूरी रात इबादत करने का दौर चला। मुस्लिम इलाके पूरी रात रोशन रहे। मस्जिद, मदरसों, दरगाहों के साथ घरों में भी रात भर कुरआन पाक की तिलावत, नफिल नमाजें अदा की गईं। ऐसे लोग जिनके मां, बाप, दादा, दादी, नाना या फिर कोई अपना दुनिया छोड़ गया उन्हें याद कर घरों में फातेहा कराई गई।
शाम को असर की नमाज के बाद लोगों का कब्रिस्तान पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया जो पूरी रात जारी रहा। कब्रिस्तानों में हर किसी ने अपनों की कब्रों पर फूल चढ़ाए, अगरबत्ती, मोमबत्ती से रोशनी कर दुआएं पढ़ीं। कब्रों पर चरागा कर मगफिरत की दुआएं की गईं।शबेरात के मौके पर शहर के सभी कब्रिस्तानों में हजारों की भीड़ उमड़ी।
कब्रिस्तानों में बिजली की लतर की सजावट रही। जिनके अपने दुनिया छोड़ गए उन्हें याद करते हुए लोग कब्रिस्तान पहुंचे। जिनके मां-बाप, दादा-दादी, नानी समेत अन्य रिश्तेदार गुजर गए वे उनकी कब्रों पर पहुंचे और दुआएं कीं। रातभर गुनाहों से तौबा की गई।