इलाहाबाद में कभी गुंडा नंबर वन था जवेद स्टिक पर कमिश्नर ने नाम के आगे जी क्या लगाया बदल गया दिल और छोड़ दी अपराध की दुनिया।

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इलाहाबाद में कभी गुंडा नंबर वन था जवेद स्टिक पर कमिश्नर ने नाम के आगे जी क्या लगाया बदल गया दिल और छोड़ दी अपराध की दुनिया।

इलाहाबाद में 80 के दशक में अपराध का बेताज बादशाह हुआ करता था चांद बाबा जिसके खौफ से कोतवाली का फाटक तक बन्द हो चुका है चांद बाबा की मौत के बाद लोग सिर्फ उसको किस्सों में याद रखे है लेकिन इसी इलाहाबाद में चांद बाबा की तरह ही बे खौफ और हार्डकोर अपराधी भी है जिसे लोग जावेद स्टिक के नाम से जानते है जावेद की स्टिक से बड़े से बड़ा रंगबाज़ भी नही बच पाया है और उसने जावेद की गुलामी स्वीकार कर ली। लेकिन अब यही जावेद स्टिक का अपराध से नाता टूट गया और वो इंसानियत के लिए जीता है और उसका दावा है की इंसानियत के लिए वो मर भी सकता है जावेद के अंदर ये बदलाव पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की वजह से आया है,जवेद उर्फ स्टिक को कमिशनरेट कोर्ट ने गुंडा एक्ट लगाया है अब जवेद को हर 15 दिन पर शाह गंज थाने में हाज़री लगानी पड़ेगी जवेद के मुताबिक प्रयागराज कमिश्रर रमित शर्मा ने उसका दिल उसके नाम के आगे जी लगा कर कर जीत लिया।

अपराध की दुनिया मे जवेद का पहला कदम।

खुल्दाबाद के बक्शीबाज़ार में रहने वाला जवेद मुहल्लों के युवकों के साथ गैंग बना कर चलता था जवेद की मुहल्ले में रंगबाजी का आलम ये था की हर कोई उससे दोस्ती बड़ा कर अपना रसूख बनाना चाहता था जवेद भी अपने दोस्तों के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता था ,इसी बीच जवेद की अटाला के कुछ बदमाशो से दुश्मनी हो गई और आमने सामने आने पर जवेद ने अपनी स्टिक से अटाला के लड़कों को जमकर दौड़ा दौड़ा कर पीटा था ,इसके बाद उसी दिन से जवेद का नाम इलाहाबाद के पुराने शहर में मशहूर हो गया और जवेद अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया,

4 बार जेल गया 8 गंभीर मुकदमे हुए थे दर्ज।

जावेद स्टिक 2006 में पहली बार जेल गया फिर उसके बाद हत्या के प्रयास मारपीट व छिनैती में कुल 4 बार जेल काटी ,जेल से लौटने के बाद फिर रंगबाज़ों वाली ज़िंदगी काटने लगा लेकिन जवेद के जीवन मे परिवार की जिम्मेदारियों ने अच्छी और सच्चाई की राह दिखाई और जवेद का दिल बदल गया ,जिस अपराध को करने के बाद उसको गर्व होता था अब उसी अपराध से उसको घृणा होने लगी ,अभी हॉल ही में कमिश्रेट कोर्ट ने उसकी 2006 से दबी गुंडा एक्ट की फ़ाइल खोली तो कमिश्रेट कोर्ट में जवेद की पेशी हुई कमिश्नर रमित शर्मा ने जवेद को अच्छे इंसान बनने की नसीहत दी और जवेद के आगे जी लगा कर बुलाया तो जवेद की आखों में आंसू आ गए जवेद बताते है कि इतने बड़े अधिकारी ने उसे जी लगा के बुलाया तो उसे इज़्ज़त का अहसान हुआ ,जवेद के मुताबिक इससे पहले कभी भी किसी ने इतनी इज़्ज़त नही दी ,इसलिए अब इज़्ज़त की ज़िंदगी जिएंगे और इज़्ज़त की मौत की मरेंगे।

बम फेंकने वाले हाथ अब गरीबो की मदद के लिए उठ रहे

जवेद स्टिक अपने ज़माने का कुख्यात बम्बाज़ भी रहा है उसके बारे में कहा जाता है कि जवेद दौड़ते दौड़ते ही तम्बाखू के डब्बे में मसाला भर कर चंद ही मिनटों में बम बना लेता है। और 30 से 40 फिट तक बम मार कर किसी की भी जान ले सकता है लेकिन बम बनाने और बम फेंकने वाले जवेद के ये हाथ अब गरीबो और मज़लूमो कि मदद के लिए उठते है कोरोना काल मे जवेद ने मुहल्ला मुहल्ला चंदा करके गरीबो को न केवल दो वक्त का खाना दिया बल्कि अपने इलाके व आस पास के इलाकों में कोरोना से जो मारे गए उन लोगो लोगो की लाश भी खुद उठवा कर उसे दफ्न कराया और कफ़न व गवारे का इंतज़ाम भी खुद ही चंदे से किया, जवेद के मुताबिक उस वक्त अल्ला ने उसे ये करने की ताकत दी थी,और अब आगे की ज़िंदगी का सफर भी ऊपर वाला ही तय करेगा।

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