उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कोरोना संक्रमितों को राहत देते हुए एक अहम आदेश दिया. उन्होंने सभी अस्पतालों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि कोई भी अस्पताल किसी मरीज को वापस नहीं लौटाएगा. अगर सरकारी अस्पताल में बेड नहीं है, तो मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती किया जाएगा और उसके इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.
कोरोना मैनेजमेंट के लिए गठित टीम-11 को निर्देश देते हुए सीएम योगी ने कहा कि बेड के अभाव में मरीज को इलाज से वंचित नहीं किया जा सकता. ऐसी घटनाओं पर जिला अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि बीते तीन से चार दिनों के भीतर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में साढ़े 14 हजार से ज्यादा बेड बढ़ाए गए हैं. सीएम योगी ने ये भी आदेश दिया कि किसी भी कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार के लिए कोई पैसे ना लिए जाएं.
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के ऐसे सभी अस्पताल जहां कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है, वहां दिन में दो बार अस्पताल में खाली बेड की जानकारी सार्वजनिक की जाए. ये जानकारी जिले के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के पोर्टल पर भी अपलोड की जाए. उन्होंने कहा, होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड संक्रमित मरीजों को समय से मेडिकल किट हर हाल में उपलब्ध कराई जाए. मेडिकल किट में कम से कम 7 दिन की दवाएं होनी चाहिए.
टीम-11 के साथ मीटिंग में सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में रेमडेसिविर की कोई कमी नहीं है. हर दिन 18 हजार से 20 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल रहे हैं. राज्य की जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन बढ़ाकर 1,60,000 कर दिया है. अगर किसी निजी अस्पताल में रेमडेसिविर की कमी होती है, तो उसे केंद्र सरकार की तरफ से तय कीमतों पर इंजेक्शन दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा, ये लहर पिछली लहर की तुलना में 30 गुना ज्यादा घातक है. इसलिए खास सतर्कता बरती जाए. सीएम ने दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासी कामगारों को कम से कम 7 दिन क्वारनटीन रहने का आदेश दिया है.
सीएम योगी ने बताया कि यूपी में शनिवार की तुलना में रविवार को ढाई हजार कम संक्रमित मिले हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में 35,614 संक्रमित मिले हैं, जबकि इससे एक दिन पहले 38,055 मरीज मिले थे. आज 25,633 लोग डिस्चार्ज हुए हैं, कल ये संख्या 23,231 थी.