इजराइल और फिलिस्तीन में सीजफायर, हमले में मारे गए 227 फिलिस्तीनी, 11 इजरायली

Share this news

इजरायल और हमास के बीच पिछले 11 दिनों से चल रहा संघर्ष आखिरकार गुरुवार को सीजफायर पर जाकर शांत हुआ. इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में 11 दिनों के सैन्य अभियान को रोकने के लिए एकतरफा संघर्ष विराम को मंजूरी दे दी है. हमास के एक अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि की है. अधिकारी के मुताबिक यह सीजफायर शुक्रवार तड़के 2 बजे से प्रभावी होगा. इजरायली कैबिनेट ने युद्धविराम की पुष्टि की है लेकिन इसके लागू होने का समय नहीं बताया है. माना जा रहा है कि अमेरिका के दबाव में यह फैसला लिया गया है.

इससे पहले बुधवार को नेतन्याहू ने सैन्य मुख्यालय के दौरे के बाद कहा था कि वह ‘अमेरिका के राष्ट्रपति के सहयोग की बहुत सराहना करते हैं’, लेकिन ‘इजरायल के लोगों को शांति एवं सुरक्षा वापस दिलाने के लिए’ देश अभियान जारी रखेगा.

उन्होंने कहा कि वह ‘अभियान का मकसद पूरा होने तक उसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ नेतन्याहू के इस बयान से कुछ ही देर पहले बाइडन ने नेतन्याहू से “तनाव में महत्वपूर्ण कमी” लाने की अपील की थी.

दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के अनुसार, यह अमेरिका के किसी सहयोगी पर बाइडन की तरफ डाला गया अब तक का सबसे कठोर सार्वजनिक दबाव था. इसमें कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में नेतन्याहू से “संघर्ष विराम के रास्ते” की तरफ बढ़ने को कहा.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इजरायली राजदूत का वॉकआउट

वहीं गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जब फिलिस्तीनी प्रतिनिधि ने बोलना शुरू किया तो संयुक्त राष्ट्र में इजरायली राजदूत गिलैड अर्दान वहां से बाहर निकल गए. इससे पहले अर्दान ने कहा था कि यह युद्ध इजरायल और फिलिस्‍तीन के बीच नहीं है बल्कि इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच है.

अमेरिका के सीबीएस न्‍यूज के साथ बातचीत में गिलैड अर्दान ने कहा कि हम यह संघर्ष को नहीं चाहते थे. हमने संघर्ष को रोकने के लिए यथासंभव प्रयास किया है, लेकिन हमास हिंसा को भड़काने के लिए प्रतिबद्ध था. अब हम सीजफायर की संभावना के बीच इस आतंकी मशीन को बर्बाद कर रहे हैं. हम इस समस्‍या का इलाज तलाश कर रहे हैं, न कि केवल मरहम पट्टी.

कम से कम 227 फिलिस्तीनी मारे गए

इजरायल और हमास के बीच लड़ाई 11 दिन पहले शुरू हुई जब उग्रवादी समूह ने यरुशलम पर लंबी दूरी के रॉकेट दागे. इससे पहले अल-अक्सा मस्जिद में फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजरायली पुलिस के बीच झड़पों से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी. इसके बाद इजरायल ने हमास को निशाना बनाते हुए सैकड़ों हवाई हमले किए. हमास और अन्य उग्रवादी समूहों ने इजरायली शहरों में 4,000 से अधिक रॉकेट दागे.

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 64 बच्चों और 38 महिलाओं समेत कम से कम 227 फिलिस्तीनी मारे गए और 1,620 लोग घायल हैं. हमास और इस्लामिक जिहाद ने कम से कम 20 लड़ाकों के मारे जाने की बात कही है जबकि इजरायल का कहना है कि कम से कम 130 लड़ाके मारे गए हैं. करीब 58,000 फिलिस्तीनी अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं

इजरायल में पांच साल के लड़के, 16 साल की लड़की और एक सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हुई है.

(भाषा इनपुट से)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!