आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र, उत्तर प्रदेश में भाजपा आत्ममंथन और समीक्षा के दौर में है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष आज भाजपा प्रदेश कार्यालय पर योगी सरकार के तमाम मंत्रियों से राजनीतिक फ़ीडबैक लेते नज़र आएं.
बंद दरवाज़ों के पीछे मुलाकातों का सिलसिला प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या से शुरू हुआ. लम्बी चली बैठक ख़त्म होने के बाद मौर्या ने मीडिया से कहा कि, “मैं खुद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हूँ. हम अपने अध्यक्ष जी की अगुवाई में फिर 300 पार कराएँगे. क्या बात है?.
अपने बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ज़िक्र न करने से, अटकलें लगने लगीं कि आने वाले दिनों में भाजपा कोरोना महामारी के ख़राब मैनेजमेंट से हुए पार्टी के छवि को हुए नुकसान काम करने में लगी हुई है.
मौर्या समाज के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, क़ानून मंत्री बृजेश पाठक ने भी केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की. गौरतलब है कि पाठक ने कोविड महामारी के चरम पर एक मरीज़ का इलाज करवाने में अपनी नाकामी जताई थी और इसका ज़िक्र मुख्यमंत्री को लिखे एक खत में भी किया था.
रविवार से लेकर अब तक कुल प्रदेश के बारह मंत्री इस दो सदस्यीय दाल से मुलाकात कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले पार्टी के सीतापुर से विधायक राकेश राठौड़ ने यह तक कह दिया कि ज़्यादा बोलने पर उनके खिलाफ देशद्रोह की करवाई भी हो सकती है.
इस तनावपूर्ण माहौल में इस तरीके के फीडबैक सेशन की अहमियत और भी बढ़ जाती है और अब केंद्रीय दख़ल के दरवाज़े खुलते नज़र आ रहे हैं.
ये सरगर्मियां इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि बंगाल में क़रारी चुनावी शिकस्त और हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों में अयोध्या, गोरखपुर, बनारस और मथुरा जैसे भाजपा गढ़ो में उम्मीदों से ख़राब प्रदर्शन के बाद भाजपा उत्तर प्रदेश 2022 की चुनौती के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
इस माहौल में मंत्रिमंडल विस्तार की भी चर्चा ज़ोरों पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबी माने जाने वाले और गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा को कैबिनेट में शामिल किये जाने की अटकलें लग रही हैं. शर्मा उत्तर प्रदेश से एमएलसी हैं और प्रधानमंत्री के चुनाव क्षेत्र बनारस में कोविड नियंत्रण में काफी व्यापक भूमिका निभाई है.
यूपी बीजेपी के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव कहते हैं, “ये संगठनात्मक चर्चाएं हैं. स्वाभाविक रूप से 2022 के लिए समय कम रह गया है. हम ऐसी पार्टी तो हैं नहीं कि घर में बैठ के ट्विटर-ट्विटर करते हों और एसी में बैठ कर चुनाव की तैयारियां करते हों. कल उन्होंने मुख्यमंत्री से बैठक की, आज मंत्रियों से. साल 2022 के लिए लोगों से मशविरा किया गया कि क्या तैयारियां करनी हैं. अब राजनैतिक कयास लगाने के लिए मीडिया भी स्वतंत्र है, विपक्ष भी स्वतंत्र है और जनता भी स्वतंत्र है. यह तो संघठनात्मक बैठक थी.
(भाषा इनपुट से)