आज भी इंसानियत ज़िंदा है लॉक डाउन में ऐसी कई तस्वीरें है जो इंसानियत की मिसाल पेश कर रही है। इंसानी रूप में ये फरिस्ता हमारे आस पास ही होते है पर वो नही चाहते की उनकी मदद का प्रचार हो।
ऐसे ही एक शख्स है करेली के जेके महल के पास रहने वाले सलामत उल्ला कारोबारी है लेकिन जहां मानव सेवा की बात आती है सबसे आगे खड़े होते है।
लॉक डाउन में काम काज बन्द होने के कारण हज़ारों लोगो के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया तो सलामत उल्ला ने कई ट्रक अनाज मंगाया और एक एक हफ्ते का राशन पैकेट बना कर गरीबो में बाटा सलामत ने सिर्फ अपने आस पास के इलाकों के ही गरीबो की मदद नही की बल्कि कटरा खुलदाबाद बघाड़ा नैनी घूरपुर मीरापुर शाह गंज जैसे तमाम इलाको में रोज राशन बाटते थे सुबह से दो गाड़ी लेकर निकलते सलामत शाम को ही घर आते थे।
हालांकि न तो उनकी कोई NGO है और न ही वो कोई नेता लेकिन जब इंसानियत की बात आई तो वो आगे खड़े हुए। खास बात ये है कि सलामत ने इतना सब कुछ करने के बाद भी न तो फोटो खिंचाई और न ही कही सोशल मीडिया में प्रचार किया। एक पड़ोसी से हमको दो फोटो मिली जो खबर के साथ लगी है। सलामत के ज़ज़्बे को हमारी टीम सैल्यूट करती है।