उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में राज्यपाल के निर्देश पर गठित महिला अध्ययन केंद्र ने आज विश्वविद्यालय द्वारा अंगीकृत सोरांव विकासखंड के अंतर्गत जैतवार डीह गांव में महिला शिक्षा एवं स्वावलंबन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस अवसर पर महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक प्रोफेसर रुचि बाजपेई ने महिलाओं की शिक्षा एवं आत्मनिर्भर बनने के प्रति जोर दिया। ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन करने शिल्पकला जैसे कढ़ाई, बुनाई, सिलाई आदि से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां दृश्य एवं श्रव्य माध्यमों के द्वारा प्रदान की गई।
उपस्थित ग्रामीण महिलाओं के सामान्य विवरण के साथ-साथ शिक्षा एवं आर्थिक सरकारी योजनाओं आदि के बारे में सर्वे के माध्यम से जानकारी प्राप्त की गई। जिसमें अधिकांश महिलाओं ने स्वयं आत्मनिर्भर व स्वावलंबी होने के लिए सिलाई, कढ़ाई, संगीत, कुम्हारी कला आदि के बारे में अपनी रुचि बतायी।
सर्वे में यह स्पष्ट हुआ कि महिलाओं की शिक्षा का स्तर सामान्य है उनके मनोरंजन व सूचनाओं का संग्रह करने के लिए टीवी रेडियो व अखबार एक सशक्त माध्यम है अधिकांश महिलाओं का यह भी कहना था कि उन्हें स्वनिर्मित सामानों का उचित मूल्य नहीं मिलता, जिससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण महिलाओं का जनधन योजना के अंतर्गत बैंक में खाता है।
इसके साथ ही उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे मातृत्व सुमन योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना, उज्जवला योजना, बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना आदि के बारे में महिला अध्ययन केंद्र के सदस्यों द्वारा जागरूक किया गया। ग्रामीण महिलाओं ने विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना की तथा इसका श्रेय विश्वविद्यालय की प्रथम महिला कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह को दिया।
इससे पूर्व प्रारंभ में सह समन्वयक डॉ मीरा पाल ने ग्रामीण महिलाओं का स्वागत किया। सहायक समन्वयक डॉ साधना श्रीवास्तव ने महिला शिक्षा एवं स्वावलंबन के बारे में ग्रामीण महिलाओं को अवगत कराया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ अतुल कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर रुचि बाजपेई, डॉ मीरा पाल, डॉ साधना श्रीवास्तव, डॉ शिवेंद्र प्रताप सिंह, राजेश गौतम, डॉ अतुल कुमार मिश्रा, ग्राम प्रधान महेंद्र गिरि एवं आशा वर्कर पुष्पा श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।