प्रयागराज: कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट की गरिमा एवं मर्यादा कायम रखने और न्याय व्यवस्था पर जन विश्वास बनाए रखने के लिए कोर्ट आंख बंद किए नहीं रह सकती.
कोर्ट ने कहा जिलाधिकारी से उम्मीद की जाती है कि उसे इस बेसिक कानून की जानकारी होगी कि कोर्ट आदेश पर रोक नहीं है तो वह लागू रहेगा और प्राधिकारी को उसका पालन करना बाध्यकारी होगा. इसके बावजूद जिलाधिकारी ने कोर्ट की अवज्ञा की है. जस्टिस सरल श्रीवास्तव ने बृजमोहन शर्मा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.
जिलाधिकारी ने याची को नियमित किये जाने से पहले की सेवा को क्वालीफाइंग सेवा नहीं माना और कहा वह पेंशन पाने का हकदार नहीं हैं.
हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया और 1996 से याची की सेवा मानते हुए पेंशन निर्धारित करने का आदेश दिया. पालन न करने पर कोर्ट ने नोटिस जारी की और अनुपालन रिपोर्ट मांगी.