इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब कल से फिजिकल और वर्चुअल दोनों ही तरह से मुकदमों की सुनवाई होगी. इससे पहले वकीलों ने कोर्ट के पुराने फैसले का विरोध किया था.
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने 3 जनवरी से खुली अदालत में मुकदमों की सुनवाई बंद कर सिर्फ वर्चुअल तरीके से ही सुनवाई करने का फैसला किया था. लेकिन आज पहले ही दिन तमाम वकीलों ने इसका विरोध किया था. वकीलों के विरोध के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला बदल लिया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब कल से फिजिकल और वर्चुअल दोनों ही तरह से मुकदमों की सुनवाई होगी. जो वकील फिजिकल सुनवाई चाहते हैं वह अदालत में खड़े होकर बहस सकते हैं. वहीं, जो वकील भीड़ से बचना चाहते हैं वह वर्चुअल तरीके से सुनवाई कर सकते हैं. वकीलों की संस्था हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी चीफ जस्टिस से ऐतराज जताया था. वकीलों के एतराज के चलते हाईकोर्ट ने व्यवस्था में एक बार फिर बदलाव किया है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान रहेंगी पाबंदियां
कोर्ट में सुनवाई के दौरान तमाम पाबंदियां रहेंगी. किसी भी कोर्ट रूम में एक बार में 10 से ज्यादा वकीलों को एंट्री नहीं दी जाएगी. वकीलों के बैठने के लिए फिर 6 कुर्सियां ही रहेंगी. उन्हीं वकीलों को एंट्री दी जाएगी, जिनके मुकदमे संबंधित कोर्ट में होंगे. कोर्ट कैंपस और कोर्ट रूम में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करना होगा. वहीं, वकीलों ने बदली हुई व्यवस्था का स्वागत किया है. वकीलों ने कहा कि इससे जीवन भी सुरक्षित रहेगा और लोगों को न्याय भी मिलता रहेगा. बता दें कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने व्यवस्था में बदलाव की जानकारी दी