क्रिकेटर मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच कोर्ट केस जारी है। इस बीच, ताजा आदेश में क्रिकेटर को झटका लगा है। कोर्ट ने शमी को आदेश दिया है कि वे अलग रह रही पत्नी को हर महीने गुजारा भत्ते के रूप में 50,000 रुपए का भुगतान करें।
कलकत्ता के कोर्ट ने यह आदेश दिया है। हसीन जहां ने चार साल पहले क्रिकेटर पर गंभीर आरोप लगाते हुए केस दायर किया था।
अलीपुर कोर्ट की जज अनिंदिता गांगुली के 50 हजार रुपए महीने गुजारा भत्ता के आदेश से हसीन जहां खुश नजर नहीं आई। माना जा रहा है कि वे इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगी।
दरअसल, 2018 में हसीन जहां ने 10 लाख रुपए मासिक गुजारा भत्ता की मांग के साथ केस दायर किया था। इस राशि में व्यक्तिगत खर्चों के लिए 7 लाख रुपए और बेटी की परवरिश के लिए 3 लाख रुपए शामिल थे।
पूरा विवाद तब शुरू हुआ था जब हसीन जहां ने जादवपुर पुलिस स्टेशन में अपने क्रिकेटर शौहर मोहम्मद शमी पर व्यभिचार और घरेलू शोषण का आरोप लगाते हुए एक आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद शमी पर घरेलू दुर्व्यवहार और हत्या के प्रयास के गैर-जमानती आरोप लगाए गए।
हसीन जहां ने दावा किया कि वो जब भी उत्तर प्रदेश में अपने ससुराल गईं तो क्रिकेटर और उनके परिवार ने प्रताड़ित किया। यह पूछे जाने पर कि क्या शमी के परिवार ने भी उन्हें प्रताड़ित किया, जहां ने कहा, ‘आप पड़ोसियों से पूछ सकते हैं कि उन्होंने (शमी के परिवार) मेरे साथ कैसा व्यवहार किया। मैं चुप थी क्योंकि वह दो साल से तलाक मांग रहे थे। वह मुझे प्रताड़ित कर रहे थे, उन्होंने मुझे छोड़ने के लिए हर संभव कोशिश की।’
पत्नी के आरोप सार्वजनिक होने के बाद साल 2018 में शमी ने एक ट्वीट कर सफाई दी थी। तब क्रिकेटर ने लिखा था कि ये जितना भी न्यूज हमारी पर्सनल लाइफ के बारे में चल रहा है, वो सरासर झूठ है। ये हमारे खिलाफ साजिश है। ये मुझे बदनाम करने या मेरे गेम को खराब करने का प्रयास है।