कोरोना की दूसरी लहर में मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. श्मशान घाट पर शव जलाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है तो कब्रिस्तानों में जगह ही नहीं बची है. मौत के इस तांडव का शिकार इस बार सबसे अधिक युवा हो रहे हैं. एक ऐसे ही युवा की मौत ने कई लोगों को झकझोर दिया है. इस युवा का नाम है आशीष येचुरी.
34 वर्षीय आशीष येचुरी, सीपीआई (एम) के बड़े नेताओं में शुमार सीताराम येचुरी के बड़े बेटे हैं. वह कई दिनों से कोरोना से जंग लड़ रहे थे. गुरुवार सुबह गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में आशीष का निधन हो गया. आशीष को दो हफ्ते पहले दिल्ली के होली फैमिली अस्पताल में एडमिट कराया गया था, जहां तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मेदांता शिफ्ट किया गया था.
आशीष येचुरी इस साल 9 जून को 35 साल के हो जाते, लेकिन कोरोना ने ऐसा होने नहीं दिया. 34 साल 10 महीने की उम्र में ही आशीष का कोरोना से निधन हो गया. परिवार का कहना है कि आशीष की रिकवरी हो रही थी, लेकिन गुरुवार सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर अचानक उनकी सांसें थम गई.
आशीष येचुरी, एक अखबार में सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में काम कर रहे थे. दो हफ्ते तक कोरोना से जंग लड़कर जीत की दहलीज पर पहुंचने से पहले ही आशीष की सांसें थमने से उनके परिवार के साथ दोस्तों में गम का माहौल है. उनके पिता सीताराम येचुरी ने गुरुवार सुबह ट्वीट करके अपने बड़े बेटे के निधन की खबर दुनिया को दी.
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट करके कहा, मुझे दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि मेरे बड़े बेटे का कोरोना के कारण निधन हो गया है, मैं उन लोगों को शुक्रिया कहता हूं, जिन्होंने मुझे उसके ठीक होने की उम्मीद दी और उसका इलाज किया, इसमें डॉक्टर, नर्स, फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर शामिल हैं. फिलहाल, सीताराम येचुरी भी क्वारनटीन हैं.
आशीष येचुरी के निधन पर सीपीआई (एम) ने भी दुख व्यक्त किया है. पार्टी ने गुरुवार सुबह ट्वीट में कहा, ‘सीताराम येचुरी और इंद्राणी मजूमदार के बेटे आशीष येचुरी के निधन से हम दुखी है, उनकी मौत कोरोना के कारण हुई, वह 35 साल के थे, सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ है.
(भाषा इनपुट से)