कैसा रहा अतीक अहमद का साबरमती जेल से प्रयागराज का सफर।

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गैंगस्टर से नेता बना अतीक अहमद साबरमती की सेंट्रल जेल से प्रयागराज की नैनी जेल पहुंच गया है. पुलिस काफिले ने करीब 1300 किमी के सफर को 24 घंटे के अंदर पूरा किया है. इस दौरान दो जगहों उदयपुर और झांसी के आगे रिफ्यूलिंग के लिए पुलिस की टीमों ने ब्रेक लिया.

इसके साथ ही झांसी में एक घंटे रुककर आराम भी किया. सफर के दरम्यान जब-जब अतीक पुलिस वैन के नीचे उतरा तो उसके माथे पर सिकन साफ तौर पर देखी गई. पुलिस की 45 लोगों की टीम ने बिना थके ये सफर पूरा किया है. रास्ते में पुलिसबल को पूरी तरह मुस्तैद देखा गया.

अतीक अहमद का प्रयागराज रिटर्न पूरा हो गया है. पुलिस की टीम अतीक अहमद को अहमदाबाद की सेंट्रल जेल से रविवार शाम 5.40 बजे लेकर निकला था. वहां श्यामलाजी-हिम्मतनगर रोड से आगे बढ़ा और राजस्थान की सीमा में प्रवेश किया. उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, शिवपुरी के रास्ते यूपी पहुंचा. पुलिस की टीम सोमवार सुबह 9 बजे झांसी पहुंची. यहां एक घंटे तक रिजर्व पुलिस लाइन में ब्रेक लिया. उसके बाद कानपुर हाइवे से उरई की तरफ आगे बढ़े. पुलिस का काफिला बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर पहुंचा और सीधे चित्रकूट से होते हुए प्रयागराज पहुंचा. शाम करीब 5.30 बजे नैनी जेल पहुंच गया और 5.40 बजे अतीक को जेल में शिफ्ट कर दिया गया.

1300 किमी का सफर, 6 वाहन, 45 पुलिसवालों की टीम

पुलिस के काफिले ने करीब 1300 किमी का सफर तय किया. यूपी पुलिस के 6 वाहन अतीक को लेने पहुंचे थे. दो वज्र वाहन और एक एंबुलेंस भी साथ चल रही थी. हालांकि, रास्ते में गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश की पुलिस का एस्कॉर्ट मिला और तीनों राज्यों ने अपने बॉर्डर तक काफिले को निकालने में मदद की. यूपी के 45 पुलिसकर्मियों की टीम साबरमती जेल से प्रयागराज के नैनी तक पूरी तरह से अलर्ट मोड पर देखे गए. इस टीम में सिर्फ 5 अधिकारियों के पास ही मोबाइल फोन थे. अन्य सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल पहले ही जमा करा लिए गए थे. पुलिस टीम में IPS अभिषेक भारती, एक अन्य IPS और 3 डीएसपी शामिल थे.

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शिवपुरी में पलटते बचा पुलिस वाहन?

सोमवार सुबह अतीक को ले जा रहे काफिले के एक वाहन ने शिवपुरी जिले में एक गाय को टक्कर मार दी. घटना सुबह करीब 6:25 बजे की है. इस घटना का एक वीडियो सामने आया. इसमें एक गाय को सड़क की ओर दौड़ता हुए देखा जा रहा है. इस दौरान अतीक को ले जा रहे वाहन ने उसे टक्कर मार दी. गाय सड़क पर गिर गई. घटना के बाद वाहन कुछ देर के लिए रुका. बाद में आगे बढ़ गया. माना जा रहा है कि अगर वाहन की स्पीड ज्यादा होती तो हादसा हो सकता था. एक पुलिस अधिकारी ने इस घटना की पुष्टि की है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गाय थोड़ी देर बाद उठकर चली गई. तेंदुआ थाना प्रभारी मनीष कुमार जादौन ने बताया कि गाय को टक्कर मारने वाले वाहन में अतीक अहमद सवार था.

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‘यूपी पहुंचते ही बदले अतीक के सुर’

पुलिस का काफिला सोमवार सुबह करीब 7 बजे शिवपुरी जिले के खराई में रोका गया. यहां दैनिक क्रिया के बाद काफिला आगे बढ़ा. सफेद पगड़ी पहने अतीक जब पुलिस वैन से उतरा तो पत्रकारों ने उससे पूछा कि क्या वो ‘डर’ रहे हैं, जिसके जवाब में उसने कहा- ‘काहे का डर’. इससे पहले अतीक ने साबरमती केंद्रीय जेल से बाहर निकलने के बाद आशंका जताई थी कि उसकी हत्या की जा सकती है. अतीक जून 2019 से साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है. उस पर यूपी की देवरिया जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण और मारपीट का आरोप है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसे साबरमती जेल में शिफ्ट किया गया था.

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बेहद गोपनीय रखा गया था प्लान

बताते हैं कि जब ये टीम अतीक को लेने के लिए साबरमती की सेंट्रल जेल भेजी गई थी, तब इसकी जानकारी किसी को नहीं थी. पुलिस टीम सिर्फ अफसरों के निर्देशों का पालन करते हुए आगे बढ़ रही थी. अहमदाबाद पहुंचने पर सेंट्रल जेल के बाहर पहले से एक अन्य टीम अतीक का प्रोडक्शन वारंट लेकर खड़ी थी. रविवार सुबह से अतीक को कस्टडी में लेने की प्रक्रिया शुरू हुई और शाम को जब उसे लाने के लिए पुलिस का घेरा बढ़ाया गया, तब मीडिया को भनक लग सकी.

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ड्राइवर एक्स्ट्रा लेकर गई थी यूपी पुलिस

अतीक अहमद को लाने वाले वाहनों में पुलिस की टीमें 2 ड्राइवर एक्स्ट्रा लेकर गई हैं. पुलिस ने जैसा प्लान बनाया था, ठीक उसे ही फॉलो किया गया. जिन जिलों से काफिले को गुजरना था, वहां के पुलिस अधीक्षक को सूचना दे दी गई थी ताकि एस्कॉर्ट में कहीं कोई चूक ना हो सके. इसके साथ ही रिफ्यूलिंग के लिए भी पुलिस की तरफ से पहले से सूचना जा रही थी ताकि पेट्रोल पंपों पर व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके. चूंकि, काफिला रास्ते में कहीं नहीं रोका जाना था, इसलिए पुलिस गाड़ियों में ही सिपाहियों के खाने-पीने का इंतजाम किया गया था. एक ड्राइवर के थकने पर दूसरे ड्राइवर ने कमान संभाली और ये सिलसिला पूरा सफर के दौरान देखने को मिला.

कब-कहां पहुंचा काफिला…

– अतीक को लाने वाली पुलिस टीम शाम 5.40 बजे गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल से निकली.
– पुलिस वाहन शाम 7 बजे हिम्मतनगर पहुंची
– रात करीब 9 बजे उदयपुर हाइवे पर ऋषभदेव में रुका. यहां वॉशरूम के लिए ब्रेक लिया.
– रात करीब 10.30 बजे उदयपुर से निकला.
– रात करीब 12.30 बजे चित्तौड़गढ़ से निकला.
– रात करीब 1.30 बजे कोटा से निकला.
– रात करीब 3.30 बजे राजस्थान बॉर्डर पास किया. मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश किया.
– सुबह करीब 7.30 बजे के बाद शिवपुरी से निकले.
– सुबह करीब 9 बजे झांसी पहुंचे. यहां एक घंटे का ब्रेक लिया.
– दोपहर करीब 12 बजे उरई से निकले और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सफर शुरू किया.
– शाम करीब 5 बजे प्रयागराज पहुंचे.
– शाम करीब 5.40 बजे नैनी जेल में शिफ्ट किया गया.

नैनी जेल में सिक्योरिटी की क्या है तैयारी

– अतीक अहमद को हाई सिक्योरिटी बैरक में आइसोलेशन में रखा गया है.
– जेल कर्मी को उनके रिकॉर्ड के आधार पर चयनित करके ड्यूटी पर लगाया गया है.
– जेल में ड्यूटी पर लगाए गए पुलिसकर्मी बॉडी वॉर्न कैमरा से लैस रखे जाएंगे.
– प्रयागराज जेल कार्यालय और जेल मुख्यालय पर वीडियो कॉल के जरिए 24 घंटे निगरानी की जा रही है.
– अतीक के भाई अशरफ को भी बरेली जेल से लाया गया है. उसे भी नैनी जेल में रखा गया है. यही इंतजाम अशरफ के लिए भी किए गए हैं.

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इस मामले में आना है फैसला?

अतीक अहमद को लेकर जिस मामले में फैसला आना है, वो 17 साल पुराना केस है. इस केस के लिंक भी उमेश पाल से ही जुड़े हुए हैं. 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस केस के मुख्य गवाह उमेश पाल का फरवरी 2006 में अतीक अहमद ने अपहरण करवा लिया था. प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट के जज डीसी शुक्ला ने 23 मार्च को अतीक को पेश करने के लिए आदेश जारी किया था. 28 मार्च की सुबह 11 बजे अतीक अहमद को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

अतीक एंड फैमिली की क्राइम कुंडली पर एक नजर

– अतीक पर 100 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं.
– भाई अशरफ पर 52 केस दर्ज हैं.
– बीवी शइस्ता पर 3 केस दर्ज हैं.
– बेटे अली पर 4 और उमर पर एक केस दर्ज है.
– बेटे असद पर उमेश पाल हत्याकांड में ढाई लाख का इनाम है.

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प्रयागराज कोर्ट में पेशी के बाद वापस जेल भेजा जाएगा

उमेश पाल के अपहरण मामले में अतीक आरोपी है. प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि प्रयागराज की कोर्ट में मामले में 28 मार्च को फैसला पारित किया जाना है. सभी अभियुक्तों को फैसले की तारीख पर अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा और फिर वापस उनके संबंधित जेलों में भेज दिया जाएगा. हालांकि, यूपी पुलिस अतीक को वापस नहीं लौटने देने के प्लान पर काम कर रही है. उससे उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की गई है. कोर्ट की मंजूरी मिलते ही अतीक से पूछताछ की जाएगी. अतीक पर 100 से ज्यादा केस हैं. एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण केस में 23 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और अतीक को पेश करने का आदेश दिया था. अगर अतीक को दोषी पाया गया और सजा सुनाई गई तो ये पहला केस होगा, जिसमें उसे सजा मिलेगी.

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