कभी ऐशगाह थी अतीक के लिए नैनी जेल अब कैसे बनी जेल।

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प्रयागराज: माफ़िया अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से लाकर प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया है अतीक के भाई अशरफ को भी बरेली जेल से लाकर नैनी जेल में दाखिल किया गया कोर्ट में पेशी से पहले दोनो भाई नैनी सेंट्रल जेल में रात बिताई, अतीक का छोटा बेटा अली भी रंगदारी और मारपीट के मामले में इसी जेल में बन्द है ।

एक ही जेल में रहने के बावजूद अतीक न तो अपने भाई अशरफ से मिल सका और न ही अपने बेटे अली से तीनों को जेल के अंदर बने हाई सिक्योरिटी सेल में बन्द किया गया है और सेल के बाहर दो दो बंदी रक्षक बॉडी वार्न कैमरे से लैस होकर तैनात है और तीनों पर CCTV से निगरानी की जा रही है।

अतीक ने जेल में बार बार अपने बेटे और भाई के बारे में पूछा

नैनी सेंट्रल जेल में दाखिल होने के बाद माफ़िया अतीक अहमद की तलाशी ली गई उसके बाद उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में भेजा गया कुछ देर बैरक में बिताने के बाद अतीक ने नहाने का इंतज़ाम पूछा जिस पर बंदी रक्षक ने जेल अफसरों से अनुमति लेकर उसे सामान्य कैदियों वाली जगह पर नहाने भेजा।

इस दौरान उस पर कई बंदी रक्षक नज़र रखे थे नहाने के बाद उसने कुछ पुराने कैदियों और अपने बेटे अली के बारे में पूछा जिस पर बंदी रक्षकों ने नियमो का हवाला देकर कोई भी जानकारी देने से साफ मना कर दिया जिस पर अतीक थोड़ा झल्लाया और बड़बड़ाते हुए अपनी बैरक में लौट गया।

काफी देर बैरक में टहलने के बाद उसने जेल सुरक्षा कर्मियों से अपने भाई खालिद अज़ीम अशरफ के बारे में पूछा संतोष जनक जवाब न मिलने से अतीक थोड़ा गुस्से में आ गया लेकिन शांत रहा। थोड़ा भोजन लेने के बाद वो बैरक में लेटा रहा लेकिन उसको नींद नही आई बार बार वो आवाज़ देकर बंदी रक्षकों से अपने बेटे के बारे में पूछता लेकिन हर बार बंदी रक्षक उसे नियम का हवाला देकर चुप करा देते।

कभी नैनी जेल अतीक के लिए ऐशगाह थी पर अब जेल है।

माफ़िया अतीक अहमद का नैनी सेंट्रल जेल में कभी सिक्का चलता था ,जेल के गेट के आगे पीपल पेड़ के नीचे उसकी पंचायत लगती थी जेल में बन्द उसके गुर्गे और रियल स्टेट का व्यापार करने वाले उससे घण्टो मुलाकात करते थे सारे फैसले माफ़िया जेल में बैठ कर लेता था जेल में उसको पहले तमाम तरह की सुविधाएं मिलती थी कोई भी बिना तलाशी और रोक टोक के उससे मिल सकता था।

एक दर्जन बंदी रक्षक और पक्के उसकी सेवा में लगे रहते थे हर दिन मटन की दावत होती थी लेकिन प्रदेश का निज़ाम बदलने के बाद वही नैनी सेंट्रल जेल उसके लिए आम जेल की तरह हो गई न तो पहले की तरह जेल में उसकी हनक है और न ही पहले जैसा रुतबा जिसके कारण जेल के कर्मचारी भी इस माफ़िया से कन्नी काट रहे है ।

नैनी सेंट्रल जेल में 20 हाई सिक्योरिटी सेल है जिसमे अलग अलग दिशाओं में बने सेल में अतीक और उसके भाई अशरफ और अतीक के बेटे अली को रखा गया है इनके अलावा इसी हाई सियोरिटी सेल में कश्मीर से भेजे गए कुछ कैदी और कुछ हार्डकोर क्रिमिनल भी बन्द है।

हाई सिक्योरिटी सेल कुछ कुछ दूर पर बनी है जिससे कैदी एक दूसरे को देख भी नही सकते और माफ़िया अतीक और उसके भाई के आने के बाद जेल की सुरक्षा और भी बढ़ा दी गई है सभी पर CCTV से रात भर निगरानी की जा रही है।

उमेश पाल हत्याकांड के मामले में पुलिस अतीक और अशरफ को रिमांड पर लेने की कर सकती है कोशिस।

2006 में उमेश पाल का अपहरण करने और मारपीट के बाद गवाही बदलवाने के आरोप में MPMLA कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा जिसमे माफ़िया अतीक अहमद उसका भाई खालिद अज़ीम उर्फ अशरफ सहित कुल 11 आरोपी है जिसमे एक आरोपी की मौत हो चुकी है कल ही पुलिस कोर्ट में उमेश पाल हत्याकांड के मामले में अतीक और अशरफ की रिमांड के लिए कोर्ट में अर्ज़ी भी दाखिल कर सकती है।

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