रंगीन दुनिया को चमकता हुआ देख सकेंगे लाखों नेत्र रोगी

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रंगीन दुनिया को चमकता हुआ देख सकेंगे लाखों नेत्र रोगी

संगम तट, प्रयागराज में 12 जनवरी से 26 फरवरी तक लगेगा नेत्र कुंभ-डाक्टर कीर्तिका अग्रवाल

प्रयागराज। विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम महाकुंभ 2025 प्रयागराज इस बार नेत्र कुंभ 2025 के लिए भी जाना जायेगा। संगम तट पर 12 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक लगने वाले इस नेत्र कुंभ में लाखों लोगों को नई रोशनी मिलेगी। वे अपनी आंखों से इस रंगीन दुनिया को चमकता हुआ देख सकेंगे। इस महान सेवा कार्य में देश के करीब पांच सौ विशेषज्ञ चिकित्सक अपना योगदान देंगे।
नेत्र कुंभ 2025 आयोजन कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि यह श्रद्धालुओं के लिए अच्छा अवसर होगा। वे गंगा, यमुना एवं अंतःसलिला सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य के भागी भी बनेंगे और आंखों की बीमारी से मुक्ति भी पा लेंगे। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वालों के लिए यह स्वर्णिम अवसर होगा। उन्होंने बताया कि इस बार करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के आंखों की निःशुल्क जांच की जायेगी।

तीन लाख लोगों को निःशुल्क चश्मा दिया जायेगा। वहीं ‘सक्षम’ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री चंद्रशेखर जी ने कहा कि देश में एक करोड़ 25 लाख से अधिक लोग नेत्र रोग की समस्या से परेशान हैं। बड़ी संख्या में लोग जागरूकता के अभाव में आंखों की रोशनी खो देते हैं। यह ऐसा अंधत्व है जिसे समुचित चिकित्सा के द्वारा दूर किया जा सकता है। हकीकत यह है कि देश में लाखों लोग कार्निया की खराबी एवं अनुपलब्धता के कारण अंधत्व से पीड़ित हैं। जन जागरूकता से देश कार्निया अंधत्व से पूरी तरह मुक्त हो सकता है।

आयोजन समिति के महासचिव पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि इसके पूर्व कुंभ 2019 प्रयागराज में नेत्र कुंभ का आयोजन किया गया था। इसमें दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आंखों की जांच की गयी थी। करीब एक लाख पचपन हजार मरीजों को चश्मा दिया गया था। वहीं तेइस हजार से अधिक लोगों की नेत्र कुंभ के बाद शल्य चिकित्सा करायी गयी थी। इसके बाद 2021 हरिद्वार कुंभ में भी नेत्र कुंभ का आयोजन किया गया था। जानी मानी महिला रोग चिकित्सा विशेषज्ञ एवं नेत्र कुंभ की मीडिया कोआर्डिनेटर डाक्टर कीर्तिका अग्रवाल नेत्र कुंभ को लेकर बेहद उत्साहित हैं। वे बताती हैं कि प्राणी के शरीर में यदि कोई सबसे अधिक महत्वपूर्ण अंग है तो वह नेत्र ही है। इसलिये नेत्र कुंभ का ध्येय वाक्य ‘पश्येम शरदः शतम़’ रखा गया है।

इस वाक्य का अर्थ है-प्रभु निर्मित इस सुंदर सृष्टि को हम सौ वर्षों तक भली प्रकार से देखें। इसी परिकल्पना के साथ नेत्र कुंभ की योजना बनायी गयी है। नेत्र कुंभ में न सिर्फ दृष्टि से संबंधित रोगियों को चिकित्सा का लाभ मिलेगा बल्कि उन्हें मानवीय संवेदना की दिव्य अनुभूति का भी प्रत्यक्ष दर्शन होगा। उन्होंने बताया कि नेत्र कुंभ में कई स्वयंसेवी संस्थाएं सहयोग दे रही हैं। इनमें ‘सक्षम’,‘द हंस फाउंडेशन’,‘स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन’, ‘श्री भाऊराव देवरस न्यास’, ‘श्री रज्जू भैया सेवा न्यास’, ‘नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन’ एवं ‘राष्ट्रीय सेवा भारती’ आदि प्रमुख हैं।

प्रयागराज नेत्र कुंभ 2025 की विशेषता यह है कि इस बार नेत्र कुंभ के साथ-साथ एवं उसके बाद भी पचास हजार से अधिक लोगों की नेत्र शल्य चिकित्सा उनके स्थायी आवास के निकट नेत्र चिकित्सालय में कराने की व्यवस्था की गयी है।

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