शंकराचार्यर्यों के शिविर को अन्यत्र न ले जायें, मेला प्रशासन शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती

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शंकराचार्यर्यों के शिविर को अन्यत्र न ले जायें, मेला प्रशासन शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती

प्रयागराज: समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला है कि प्रयागराज माघ मेला में द्वारिका -शारदापीठ के शंकराचार्य महाराज को शिविर लगाने के लिए सदा से आवण्टित की जाने वाली भूमि अभी तक आवण्टित नहीं हो पाई है और उनके शिविर-प्रभारी को मेला प्रशासन कहीं नाग-वासुकि तो कहीं सङ्गम- लोअर आदि पर जगह दिखा रहा है।

इस सन्दर्भ में हम प्रशासन को यह बताना चाहते हैं कि हमारे गुरुजी ब्रह्मलीन ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका-शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वतीजी महाराज द्वारका शारदा पीठ पर सन् 1982 से शङ्कराचार्य के रूप में विराजमान रहे। वे प्रत्येक वर्ष मौनी अमावस्या पर सङ्गम-स्नान करते आ रहे हैं। सन् 1982 से द्वारका-शारदापीठ का शिविर लगता चला आ रहा है।

माघ मेले में जो भी श्रद्धालु आते हैं, वे सङ्गम-स्नान करने, धर्माचार्यों के दर्शन और उनके प्रवचन सुनने आते हैं। मुख्य रूप से शङ्कराचार्य ही मेला की शोभा रहते हैं। मेला-प्रशासन को यह सबको देखना चाहिए और द्वारका-पीठ शिविर को भी सम्मानजनक भूमि और उचित सुविधायें उपलब्ध कराना चाहिए। अतः शङ्कराचार्यों का शिविर जहाँ लगता है, उसे अन्यत्र नहीं ले जाना चाहिए।

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