अमृत महोत्सव आयोजन समिति प्रयागराज महानगर के तत्वावधान में आज प्रयागराज के नागरिकों ने एक भव्य तिरंगा यात्रा निकाली। यह तिरंगा यात्रा दो स्थानों से शुरू हुई। प्रयाग महानगर के दक्षिण भाग के लगभग डेढ़ हजार नागरिक डा. राम गोपाल एवं वीर कृष्ण के नेतृत्व में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज (सिविल लाइंस) के मैदान से सिविल लाइंस के विभिन्न मार्गों से होते हुए सुभाष चौराहे तक तिरंगे के साथ पहुंचे।
दूसरे स्थान सीएमपी डिग्री कॉलेज के पास से तिरंगा यात्रा प्रयाग महानगर उत्तर भाग से डा. एसपी सिंह एवं श्री शिव प्रकाश के नेतृत्व में अपराह्न तीन बजे प्रारंभ होकर सुभाष चौराहे पर आकर मिली जिसमें लगभग एक हजार लोग सम्मिलित हुए। सुभाष चौराहे पर यात्रा सभा में परिवर्तित हो गयी।
लगभग पांच किलो मीटर लंबाई मे तिरंगा ध्वज लहराते हुए महानगर के नागरिकों ने अपने राष्ट्र के 75 वें स्वतंत्रता वर्ष में अमृत महोत्सव के माध्यम से नाम-अनाम शहीदों को याद किया। इस अवसर पर दैनिक भास्कर के पूर्व संपादक श्री प्रदीप भटनागर जी ने आजादी के आंदोलन में प्रयाग के पत्रकारों की भूमिका का स्मरण किया।
इलाहाबाद से प्रकाशित राष्ट्रवादी अखबार स्वराज के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया के इतिहास में शायद यह अकेला अखबार था, जिसके चार संपादकों को काला पानी की सजा हुई।
सन 1907 में राष्ट्रवादी क्रांतिकारी शांति नारायण भटनागर द्वारा प्रकाशित स्वराज अखबार महज ढाई साल निकला। उसके कुल 75 अंक निकले और अखबार के सभी आठों संपादकों को कठोर कारावास की सजा मिली। यही नहीं अखबार को स्थाई रूप से बंद करने के लिए ब्रिटिश सरकार को 1910 में प्रेस एक्ट बनाना पड़ा। डॉ भटनागर ने कहा कि आजादी की लड़ाई में पत्रकारिता का यह अनूठा, अकेला और अदभुत योगदान रहा है।
प्रोफेसर आनंद शंकर जी, प्राचार्य ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज ने 1857 के योद्धा मौलवी लियाकत हुसैन का स्मरण किया जिनके नेतृत्व में इलाहाबाद दस दिनों तक अंग्रेजों से आजाद रहा। भारत छोड़ो आंदोलन के किशोर शहीदों रमेश दत्त मालवीय और अब्दुल मजीद का भी स्मरण किया जिन्होंने ने जुलूस के तिरंगे को धरती पर गिरने नहीं दिया और अपनी जान दे दी।
काशी से आये कानून महाविद्यालय के प्रबंधक माननीय वीरेंद्र जायसवाल जी ने कहा कि आजादी के आंदोलन में सुभाष बाबू सहित अनेक क्रांतिकारियों को याद किया और इस आजादी को अक्षुण्ण रखने के लिए राष्ट्रवाद की अलख जगाने का आव्हान किया।
उच्च न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता श्री शिवकुमार जी ने सभा की अध्यक्षता की। संचालन आशीष मोहन ने किया। कार्यक्रम वंदेमातरम् गायन के बाद शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखने के बाद समाप्त हुआ।