जिला बदर होने की बजाए जेल जाना क्यो ज़रूरी हुआ बाहुबली छात्र नेता अभिषेक सिंह माईकल का ,जाने वजह

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जिला बदर होने की बजाए जेल जाना क्यो ज़रूरी हुआ बाहुबली छात्र नेता अभिषेक सिंह माईकल का ,जाने वजह

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व महामंत्री अभिषेक सिंह माइकल ने जिला बदर होने के बाद जेल में रहना ज़्यादा मुनासिब समझा ,अभिषेक सिंह माइकल को प्रयागराज की कमिशनरेट कोर्ट ने 6 महीने के लिए जिला बदर किया था ,इस अवधि में वो प्रयागराज की सीमा में प्रवेश नही कर सकता था जिला बदर की नोटिस पुलिस ने उसके सलोरी वाले घर पर भेजी लेकिन रिसीव अभिषेक सिंह ने नही किया बल्कि किसी दूसरे ने नोटिस लिया था नोटिस तामील कराने के बाद पुलिस ने उसके घर के पास अभिषेक सिंह को जिला बदर करने की मुनादी भी कराई थी और ढोल पिटवा कर इसकी जानकारी पूरे इलाके को दी थी,लेकिन जिला बदर होने से बेहतर अभिषेक सिंह माइकल ने जेल जाना बेहतर समझा और 2018 के मुकदमे में ज़मानत तुड़वा कर कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

इलाहाबाद युनिवर्सिटी का बाहुबली छात्र नेता था अभिषेक सिंह माईकल

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति में अभिषेक सिंह माइकल बाहुबली नेता के रूप पहचान जाता था अभिषेक बिहार के कैमूर जिले के भभुवा सीकरी का रहने वाला है यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति के दौरान इसने प्रयागराज के सलोरी में घर बनवाया और यही पर रहने लगा मभिषेक सिंह माइकल पर मारपीट ,धमकी,जानलेवा हमले रंगदारी के 18 मुकदमे दर्ज है। अभिषेक सिंह माइकल ने साल 2012 में महामंत्री पद पर चुनाव लड़ा था और इसी चुनावी रंजिश में इसने छात्र नेता अभिषेक सिंह सोनू को गोली मारी थी ,वारदात के बाद अभिषेक गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में रहते हुए इसने छात्र संघ चुनाव में महा मंत्री के पद पर जीत हासिल की थी, हालांकि उसको कोर्ट से इसी मामले में 10 साल की सज़ा हुई थी बाद में वो ज़मानत पर जेल से बाहर आ गया था।

कमिशनरेट कोर्ट ने अभिषेक सिंह माइकल को किया था तड़ीपार

अभिषेक सिंह सोनू पर गुंडा एक्ट के तहत कार्यवही अभी हाल ही में कमिशरेट कोर्ट से हुई थी कमिशरेट कोर्ट ने काफी दिनों से उसकी गुंडा एक्ट की फ़ाइल खोली और उसके अपराधों की फेरिस्त से उसको 6 महीने तक जिला बदर कर दिया था । यानी 6 महीने तक अभिषेक प्रयागराज की सीमा में प्रवेश नही कर सकता था लेकिन अभिषेक जिला बदर होने के बजाए जेल चला गया अभिषेक चाहता तो जेल न जाकर प्रयागराज के बाहर ही 6 महीना काट सकता था लेकिन उसने पुराने मामले में ज़मानत तुड़वा कर सरेंडर करके जेल क्यो गया ,इसके पीछे क्या वजह है इसकी भी जांच की जा रही है।

पुलिस को शक जेल से आपराधिक गतिविधियों ने शामिल हो सकता है माईकल

जिला बदर होने से अभिषेक सिंह माइकल की आपराधिक गतिविधियां बन्द हो जाती और ऐसे में संभवना जताई जा रही कि अभिषेक जेल में रहते हुए अपनी गतिविधियों को बा खूबी जेल में बैठ कर चला सकता है इसीलिए उसने जेल जाना बेहतर समझा, अभिषेक सिंह माइकल के काफी समर्थक जेल में उससे मिलने भी गए थे और चुनाव भी आने वाला है लिहाजा पुलिस भी जेल के बाहर उसके समर्थकों पर नज़र रख रही है।

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