करेली के वसियाबाद में दर्जनो घरों पर लटकी ध्वस्तीकरण की तलवार।

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प्रयागराज । करेली के वसियाबाद इलाके में करोड़ों कीमत की सरकारी जमीन का फर्जीवाड़ा सामने आया है। फर्जी दस्तावेज तैयार कर सीलिंग में गई करोड़ों कीमत की जमीन की प्लाटिंग कर दी गई। उस जमीन पर अब बड़े बड़े मकान तैयार हैं।

यह जमीन पीडीए के सुपुर्द थी। सरकारी कर्मचािरयों की मिलीभगत से कागजातों में हेरफेर करोड़ों का गोरखधंधा किया गया। मामले का खुलासा होने पर पीडीए अफसरों के भी होश उड़े हैं। पीडीए ने करीब एक दर्जन मकान मालिकों और प्लाट मालिकों को ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया है। नोटिस मिलने के बाद लोगों के होश उड़ गए हैं। पीडीए के अफसरों ने ध्वस्तीकरण के लिए फोर्स मांगी है।
पूरा मामला रसूलपुर तुलसीपुर के रहने वाले मुन्ने खां से जुड़ा है।

यूसूफ़ खां के बेटे मुन्ने खां को उम्र कैद की सजा हुई थी। वह जेल में थे। इस बीच करेली के वसियाबाद की उनकी करीब बारह बीघा जमीन पर कुछ प्रापर्टी डीलरों की निगाह लगी। कई बीघा जमीन प्रशासन ने सीलिंग में डाल दी। सीलिंग में गई जमीन प्रयागराज विकास प्रािधकरण के सुपुर्द कर दी गई। फाइल पीडीए को दे दी गई। इस बीच कुछ शातिरों ने फर्जी आराजी दिखाकर उक्त जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्लाटिंग शुरू कर दी। जमीन कई दर्जन परिवारों को करोड़ों में बेची गई।

जब मुन्ने खां जेल से छूटे तो अपनी जमीन पर अवैध कब्जा पाकर प्रशासन, पीडीए में दौड़ लगानी शुरू की। वह मामला हाईकोर्ट तक ले गए। पीडीए के सुपुर्द रही अपनी जमीन को वापस मांगा तो हड़कंप मच गया।

पीडीए ने इसरार, नदीम, फहीम, रजिया , महबूब, सुल्तान, बद्री,निषाद अंजुम, शफात उल्ला, इरफान आदि को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

अब सभी को मकान गिराये जाने के संबंध में नोटिस जारी की गई है। ध्वस्तीकरण का लेटर मिलने के बाद खलबली मच गई है। पीडीए अफसरों ने अधकािरयों के संज्ञान में मामला लाकर फोर्स मांगी है ताकि अवैध बने मकानों को गिराया जा सके।

इस मामले पीडीए के जोनल आफिसर आलोक पांडेय का कहना है कि नोटिस जारी की गई है आवश्यकता अनुसार कार्यवाही की जा रही है।

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