लखनऊ : यूपी के बस्ती ज़िले में एक दारोग़ा दीपक सिंह को आज गिरफ्तार कर लिया गया. आरोप है कि दारोग़ा की धमकी के बावजूद एक लड़की ने जब उससे मोहब्बत नहीं की तो उसने लड़की और उसके घर वालों पर 8 फ़र्ज़ी मुक़दमे ठोंक दिए. लड़की का आरोप है कि वह 31 मार्च 2020 को लॉकडाउन में घर से अपनी बहन की दवा खरीदने निकली थी तभी सोनूपार पुलिस चौकी पर तैनात दारोग़ा दीपक सिंह ने उसे रोककर गाड़ी के कागजात मांगे. इस बहाने उसने लड़की को कई घंटों तक बिठा कर रखा, इसके बाद मोबाइल नंबर लेकर छोड़ दिया.लड़की का आरोप है कि उसके बाद दारोग़ा WhatsApp कॉल कर उसके साथ अश्लील बातें करने लगा. लड़की ने उसे मना किया लेकिन दारोग़ा नहीं माना.
लड़की ने जब दारोग़ा का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया तो उसने लड़की के भाई के पर जानलेवा हमला करने, बंधक बनाने और पिस्तौल छीनने के आरोप में मुकदमा कर दिया. इस तरह एक साल के अंदर दारोग़ा ने लड़की और उसके घर वालों पर आठ फ़र्ज़ी मुक़दमे कायम कर दिए. लड़की का कहना है कि उसकी शादी होनी थी, लेकिन आपराधिक मुक़दमे की वजह से उसकी शादी नहीं हो पाई. उसकी फुफेरी बहन पर भी नामजद मुक़दमे होने की वजह से उसकी पहले से तय शादी टूट गई. लड़की का कहना है कि पुलिस ने उसके परिवार के साथ जैसी ज़्यादती की है,वैसी ज़्यादती तो शायद अंग्रेजों ने भी नहीं की होगी.उसका पूरा परिवार खुदकुशी की कगार पर खड़ा है.
लड़की ने जब दारोग़ा का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया तो उसने लड़की के भाई के पर जानलेवा हमला करने, बंधक बनाने और पिस्तौल छीनने के आरोप में मुकदमा कर दिया. इस तरह एक साल के अंदर दारोग़ा ने लड़की और उसके घर वालों पर आठ फ़र्ज़ी मुक़दमे कायम कर दिए. लड़की का कहना है कि उसकी शादी होनी थी, लेकिन आपराधिक मुक़दमे की वजह से उसकी शादी नहीं हो पाई. उसकी फुफेरी बहन पर भी नामजद मुक़दमे होने की वजह से उसकी पहले से तय शादी टूट गई. लड़की का कहना है कि पुलिस ने उसके परिवार के साथ जैसी ज़्यादती की है,वैसी ज़्यादती तो शायद अंग्रेजों ने भी नहीं की होगी.उसका पूरा परिवार खुदकुशी की कगार पर खड़ा है.
इस मामले की जांच बस्ती के SP हेमराज मीना ने की और फ़र्ज़ी मुक़दमे करने के मामले में दारोग़ा को क्लीन चिट दे दी.लेकिन अनुशासनहीनता में उसे सिर्फ लाइनहाजिर किया गया. बाद में वह बहाल हो गया. मामले के सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने पर गृह विभाग ने इसकी जांच के लिए चार बड़े अफसरों की एक कमेटी बनाई जिसमें गोरखपुर जोन के एडीजी अखिल कुमार, बस्ती के कमिश्नर अनिल कुमार सागर, बस्ती रेंज के आईजी अनिल कुमार राय सुर और बस्ती ज़िले की डीएम सौम्य अग्रवाल शामिल थीं. कमेटी ने अपनी जांच में दारोग़ा दीपक सिंह को दोषी पाया जिसे आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में इलाके की कोतवाली के इंचार्ज राम पाल और उस वक़्त के सीओ गिरीश सिंह को ससपेंड कर दिया गया है. एसपी हेमराज मीना और एडिशनल एसपी रविन्द्र कुमार सिंह का भी ट्रांसफर हो चुका है.