मुक्त विश्वविद्यालय को मिले आईएसबीएन नंबर

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छात्रों को मिलेगी उपयोगी पाठ्य सामग्री-कुलपतआईएसबीएन नंबर मिल जाने से अब उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की पाठ्य सामग्री की उपयोगिता बढ़ जाएगी। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह के अथक प्रयासों से वर्षों से लंबित आईएसबीएन की प्रक्रिया मात्र 2 महीने में पूरी हुई। राजा राममोहन राय नेशनल एजेंसी फॉर आईएसबीएन ने अब उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का प्रकाशक के रूप में पंजीकरण कर लिया है। अब विश्वविद्यालय की तरफ से जो भी पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी उन पर आईएसबीएन नंबर अंकित किया जाएगा।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने बताया कि जब उन्होंने गत अप्रैल माह में यहां पर ज्वाइन किया तो कई शिक्षकों ने उनसे आईएसबीएन नंबर के साथ पाठ्य सामग्री छपवाने की मांग की।
जिसको संज्ञान में लेकर तुरंत इस महत्वपूर्ण बिन्दु पर आईएसबीएन नंबर प्रदान करने वाली संस्था राजा राममोहन राय नेशनल एजेंसी फॉर आईएसबीएन से संपर्क किया गया। समस्त कार्रवाई पूर्ण होने के उपरांत अब एजेंसी की तरफ से उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का प्रकाशक के रूप में पंजीकरण किया गया है। प्रोफेसर सिंह ने आशा व्यक्त की कि अब विद्वान शिक्षकों एवं लेखकों द्वारा विश्वविद्यालय के लेखन कार्य में सहयोग प्रदान करने से पाठ्य सामग्री की उपयोगिता बढ़ जाएगी । आईएसबीएन नंबर के साथ प्रकाशित होने वाली पाठ्य सामग्री से शिक्षकों के कैरियर अभिवर्धन में भी लाभ होगा। इसके साथ ही प्रकाशनों के वांग्मयात्मक नियंत्रण को प्राप्त करने में सुविधा मिलेगी।
कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने इस संबंध में पाठ्य सामग्री प्रभारी प्रोफेसर संतोष कुमार को निर्देश दिया कि प्रकाशनाधीन पाठ्य सामग्री को ऑनलाइन आईएसबीएन नंबर आबंटित करके प्रक्रिया पूरी की जाए।
मीडिया प्रभारी डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि इसके पूर्व मुक्त विश्वविद्यालय को वर्ष 2011 में 10 आईएसबीएन नंबर तथा वर्ष 2013 में 100 आईएसबीएन नंबर ही आबंटित हुए थे। इस बार 500 आईएसबीएन नंबर की मांग की गई थी। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अब आबंटन की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन संपादित की जाएंगी।

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