साल्वर दीक्षा ने 7 साल पहले छोड़ा था गांव

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अमौली (फतेहपुर)। बीएड प्रवेश परीक्षा के दौरान शुक्रवार को एसटीएफ के हत्थे चढ़ी जिले की युवती ने कई साल पहले गांव छोड़ दिया था। शादी कर पति के साथ गाजियाबाद में रहने लगी थी।
चांदपुर थानाक्षेत्र के सालेपुर गांव की रहने वाली दीक्षा उर्फ नेहा को दूसरे की परीक्षा देते समय प्रयागराज में शुक्रवार को एसटीएफ ने पकड़ा था। इसकी खबर से ग्रामीणों में शनिवार को तरह-तरह की चर्चाएं रहीं। सालेपुर में दीक्षा के पिता घर में अकेले रहते हैं। दीक्षा की मां शिक्षामित्र हैं। वह भी कई साल से जहानाबाद में रहती हैं। दीक्षा बचपन से मामा के घर बेहटा में रही। चांदपुर के पढ़नी गांव निवासी युवक के साथ शादी हुई थी। शादी के बाद वह पति के साथ गाजियाबाद चली गई थी।

जहां दीक्षा ने पढ़ाई पूरी की और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रही।
कुछ साल पहले उसे एक प्राइवेट बैंक में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिल गई थी। इधर, कई सालों से दीक्षा को गांव के लोगों ने घर आते-जाते नहीं देखा। जहानाबाद में मां के पास जरूर कभी-कभी आती जाती रही।

उसकी दो छोटी बहने हैं। दूसरे नंबर की बहन शादीशुदा है। तीसरी सबसे छोटी बहन कानपुर में नर्सिंग कोर्स कर रही है। इधर, दीक्षा के पति का भी गांव में कम ही आना जाना रहा।

लोग उससे दीक्षा के बारे में पूछते थे तो वह गाजियाबाद हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने की बात कहता था। ग्रामीणों में चर्चा है कि दोनों के बीच में अनबन हो चुकी है। दीक्षा गाजियाबाद में ही साल्वर गैंग के नेटवर्क में आई। एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया है कि वह पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं में मोटी रकम लेकर दूसरों की जगह परीक्षा दे चुकी है।

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