पूरे देश मे कोरोना का खौफ तारी है लेकिन रोज़ेदार अपने परवरदीगार की रज़ा के लिए इस भीषण गर्मी और खतरनाक रुप ले चुकी इस कोरोना जैसी वबा के बीच रोज़ा रख रहे हैं।बड़ो के साथ बच्चों के हौसले भी किसी से कम नहीं हैं।
सैन्ट जोज़ेफ कालेज मे कक्षा ६ के मोहम्मद ईसमाईल जो अभी सिर्फ ११ वर्ष के हैं इन पर अपने दादा इम्तियाज़ अहमद और दादी ग़ज़ाला उमर की सोहबत का इतना असर है की अपने पिता तारिक़ उमर और माता नजमा तारिक़ के बहोत समझाने के बाद भी नन्हे मो०इसमाईल ने सहरी मे उठ कर सहरी की और रोज़े की नियत कर ली।बच्चे के चाचा शारिक़ उमर को जब पता चला की उनके भतीजे ने आज पहला रोज़ा रखा है तो आनन फानन मे रिशतेदारों को सूचित कर रोज़ा खोलने का एहतेमाम किया।
मग़रिब की अज़ान के साथ सब ने बच्चे को दूआएँ देते हुए उसकी रोज़ेकुशाई मे तरहा तरहा के उपहार देकर उसके हौसले को बढ़ाया और बारगाहे रब्बुल इज़्ज़त से देश मे फहले कोरोना वबा के खात्मे और अहले हिन्दुस्तान के हर फर्द को अपने अमान मे रखने की दूआ की।