प्रयागराज कर्नलगंज के सादियाबाद में बीए की छात्रा की हत्या का खुलासा पुलिस ने करने का दावा किया है। पुलिस ने छात्रा के ब्वॉय फ्रेंड को अमन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि अमन ने अपना जुर्म भी स्वीकार कर लिया है।
इसके बाद अपने दो दोस्तों की मदद से शव ठिकाने लगाने के लिए दोबारा मौके पर भी गया।
वह मृतका पर शक करता था और इसी बात को लेकर घटनास्थल पर दोनों के बीच विवाद हुआ। इसके बाद ही उसने इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने शाम को तीनों को जेल भेज दिया।
पुलिस अफसरों के मुताबिक, मृतका के पिता की तहरीर पर नामजद केस दर्ज करने के बाद अमन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो कई अहम राज खुले। उसने बताया कि वह मृतका को पिछले 10 महीने से जानता था। वह ईश्वरशरण कॉलेज में बीए द्वितीय वर्ष का छात्र था और छात्रा भी उसके साथ पढ़ती थी।
कोविड के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के लिए बने व्हाट्सएप ग्रुप से दोनों के बीच नंबरों का आदान प्रदान हुआ और फिर कॉल, चैट के साथ ही मिलना जुलना भी शुरू हो गया। हालांकि नवंबर से उनकेरिश्ते में खटास आ गई। दरअसल अमन छात्रा पर शक करता था और इसी बात को लेकर वह उससे फोन पर गालीगलौज भी करने लगा।
बेहोश होने के बाद किया दुष्कर्म
पुलिस के मुताबिक, 22 जनवरी की शाम 6.30 बजे के करीब अमन ने फोन कर छात्रा को किताब देने के बहाने आईईआरटी मैदान के पास बुलाया। वहां गाड़ियों की आवाजाही की वजह से वह उसे बहाने से जंगल के भीतर स्थित कुएं के पास ले गया और सीढ़ियों पर बैठकर बातचीत करने लगा।
अफसरों का दावा है कि बातचीत के दौरान ही शक जताते हुए उसने फटकारना शुरू किया तो छात्रा ने पुलिस से शिकायत करने की धमकी देते हुए चीखने की कोशिश की। जिस पर उसने उसके चेहरे घूंसे मारे और इसके बाद दोनों हाथों से उसका मुंह व नाक दबा दिया। छात्रा बेहोश हो गई तो उसके साथ दुष्कर्म किया। वह शव को कुएं में फेंकने वाला था तभी कुछ लोगों ने आवाज लगाई जिस पर वह भाग निकला।
दोस्तों के साथ दोबारा पहुंचा मौके पर
पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से भागकर वह सलोरी पहुंचा और फिर फोन से अपने साथी दीपक यादव को बुलाया। दीपक के कहने पर उनका एक अन्य साथी निखिल कनौजिया भी पहुंच गया जिसके बाद तीनों मौके पर शव को ठिकाने लगाने की नीयत से पहुंचे।
अफसरों का कहना है कि वहां शव नहीं मिला जबकि छात्रा का बैग कुएं के पास ही पड़ा था। बैग को कुएं में फेंककर तीनों वापस चले आए। अगले दिन 11 बजे के करीब अमन ने छात्रा की सहेली को फोन कर उसकेबारे में पूछा और उसके न लौटने की बात पता चलने पर फोन काट दिया।
अब तक की तफ्तीश में सामने आए तथ्यों, आरोपियों के बयान और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से यही साबित होता है कि अमन ने छात्रा को धोखे से बुलाकर दुष्कर्म व हत्या की। दीपक व निखिल ने घटना की जानकारी के बाद भी आरोपी का साथ दिया और साक्ष्य छिपाने में मदद की। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। – अजय कुमार, एसएसपी
किसकी क्या थी भूमिका
1-अमन सिंह राजपूत निवाीस सिधौना, मेहनाजपुर आजमगढ़ (मुख्य आरोपी)
2- दीपक यादव निवासी पवई लाटपुर, सरायमीर आजमगढ (सह अभियुक्त व साक्ष्य छिपाने के आरोपी)
3- निखिल कनौजिया निवासी अमारी, सरायलखनसी, मऊ (सह अभियुक्त व साक्ष्य छिपाने के आरोपी)
बड़ा सवाल: कुएं में किसने फेंका शव?
पुलिस ने भले ही मामले का खुलासा कर दिया हो, लेकिन एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब अफसरों के पास नहीं है। पुलिस की थ्योरी के मुताबिक, कुछ लोगों के आवाज लगाने पर छात्रा को घटनास्थल पर ही छोड़कर आरोपी अमन भाग निकला था।
दोबारा दोस्तों के साथ वहां पहुंचने पर छात्रा नहीं मिली। जिसके बाद तीनों वापस चले आए। सवाल यह है कि छात्रा का शव कुएं में किसने फेंका। पुलिस अफसरों का कहना है कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है। आरोपी इस बाबत कुछ बता नहीं पा रहे हैं। जांच पड़ताल की जा रही है। (भाषा इनपुट से)