वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक महामारी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का ऐलान किया है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोना अब वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी के रूप में खत्म हो चुका है.
डब्ल्यूएचओ के अध्यक्ष टेड्रोस अदनोम घेब्रेयस ने कहा कि कल संगठन की इमरजेंसी समिति की 15वीं बैठक हुई. मुझे यह बताया गया कि अब पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का ऐलान कर देना चाहिए. मैंने उनकी सलाह स्वीकार कर ली. इसलिए अब बड़ी उम्मीद के साथ मैं ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर कोरोना के खत्म होने का ऐलान करता हूं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो गया है.
पिछले हफ्ते कोरोना से हर तीन मिनट में एक शख्स की मौत होने का दावा किया गया था. बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने 30 जनवरी 2020 को कोरोना को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था.
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के मुताबिक, कोरोना से अब तक दुनियाभर में लगभग 70 लाख लोगों की मौत हो चुकी है.
कैसे फैला था दुनिया में कोरोना?
चीन ने 31 दिसंबर 2019 को विश्व स्वास्थ्य संगठन को बताया था कि वुहान में निमोनिया जैसी बीमारी फैल रही है. ये बीमारी कोरोना वायरस से हो रही थी.
दिसंबर 2019 की शुरुआत से ही वुहान के अस्पताल में फ्लू जैसे लक्षण के साथ मरीज भर्ती होने लगे थे. इन मरीजों के सैम्पल की जब जीनोम सिक्वेंसिंग की गई तो सामने आया कि ये उसी कोरोना वायरस की तरह है, जिसकी वजह से 2002-03 में भी आउटब्रेक आया था. 31 दिसंबर को चीन ने WHO को इस बीमारी की जानकारी दी. 31 दिसंबर के दिन ही वुहान के सीफूड मार्केट को भी बंद करवा दिया गया. अंदेशा था कि ये वायरस इसी मार्केट से निकला है.
लैंसेट की स्टडी के मुताबिक, 1 दिसंबर 2019 को कोरोना का पहला मामला सामने आ गया था. इसके पांच दिन बाद पहले मरीज की पत्नी में भी निमोनिया जैसे लक्षण दिखे और उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया.
2020 की शुरुआत से ही दुनियाभर में कोरोना तेजी से फैलने लगा था. 30 जनवरी 2020 को WHO ने कोविड को ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी’ घोषित किया. इसके बाद 11 मार्च 2020 को WHO ने इसे ‘महामारी’ घोषित कर दिया. तब तक कोरोना दुनिया के 114 देशों में फैल चुका था और इसके 1.14 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके थे. चार हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी.
भारत में आई थीं कोरोना की तीन लहरें
पहली लहर: देश में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था. पहली लहर का पीक 17 सितंबर 2020 को आया था. उस दिन करीब 98 हजार केस सामने आए थे. 10 फरवरी 2021 से पहली लहर कमजोर हुई और मामले कम होने लगे. पहली लहर करीब 377 दिन तक चली थी. इस दौरान 1.08 करोड़ मामले सामने आए थे और 1.55 लाख मौतें हुई थीं. हर दिन औसतन 412 मौतें हुईं.
दूसरी लहर: मार्च 2021 से ही संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे. अप्रैल और मई में दूसरी लहर अपने चरम पर थी. 1 अप्रैल से 31 मई यानी 61 दिन तक कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई. इस दौरान 1.60 करोड़ नए मरीज मिले. 1.69 लाख लोगों की मौत हुई. यानी हर दिन औसतन 2,769 मरीजों की मौत हुई. दूसरी लहर का पीक 6 मई 2021 को आया था. तब एक दिन में 4.14 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे.
तीसरी लहर: ओमिक्रॉन की वजह से देश में तीसरी लहर की शुरुआत हुई. 27 दिसंबर 2021 से तीसरी लहर शुरू हुई. 21 जनवरी को इसका पीक आया. उस दिन 3.47 लाख मामले सामने आए थे. फिर संक्रमण कम होने लगा. तीसरी लहर संक्रामक थी लेकिन जानलेवा नहीं थी. मात्र महीनेभर में ही तीसरी लहर में भारत में 50.05 लाख नए मरीज मिल चुके थे. जबकि, 10 हजार 465 लोगों की मौत हुई थी.