ध्रुपद, सितार और कथक की प्रस्तुतियों ने बिखेरी भारतीय शास्त्रीय कलाओं की आभा

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ध्रुपद, सितार और कथक की प्रस्तुतियों ने बिखेरी भारतीय शास्त्रीय कलाओं की आभा

स्पिक मैके और एचसीएल काॅन्सर्टस के संयुक्त तत्वावधान में 7 दिवसीय अनहद-नाद कार्यक्रम के आयोजन की कड़ी में आज छठे दिन की प्रस्तुतियों से इविवि का संगीत एवं प्रदर्शन कला विभाग और भी सुशोभित हो उठा। बतौर ऑडियो पार्टनर जेबीएल के सहयोग से चल रहे इस कार्यक्रम में पद्म श्री से सम्मानित पंडित ऋत्विक सान्याल जी ने ध्रुपद, पंडित शुभेन्द्र राव जी ने सितार और अनुज मिश्रा जी ने कथक से भारतीय शास्त्रीय कलाओं की शोभा को युवाओं के विद्यमान किया।

कथक में शिव जी के शांत स्वरूप, रौद्र रूप आदि की प्रस्तुति ने सभागार को तालियों से गुंजायमान कर दिया। शुभेन्द्र राव जी की ‘ज्ञान गंगेश्वरी…’ और ऋत्विक सान्याल जी ने ध्रुपद से समां बांध दिया।

कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि सेंटर अव़् मीडिया स्टडीज़् के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. धनंजय चोपड़ा जी ने कलाकारों और आगंतुकों का स्वागत किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा- “भारतीय शास्त्रीय परंपराएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक और प्रभावशाली है, जितनी सदियों पहले थीं। इस बात में कोई संदेह नहीं कि हमारी विरासत ही हमारा मान है, और इस विरासत के संरक्षण के लिए स्पिक मैके की सज़गता काबिल-ए-तारीफ़ है।”

कार्यक्रम के अंत में स्पिक मैके की प्रदेश समन्वयक डॉ. मधु शुक्ला जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। आज के इस सफल संचालन में आरती द्विवेदी और मोहम्मद सारिम ने योगदान दिया। इस दौरान विभागाध्यक्ष प्रेम कुमार मल्लिक जी, पूर्व आईपीएस अफ़सर वी. के. सिंह, संस्था के प्रदेश सचिव श्रेयश शुक्ला जी, शांभवी शुक्ला जी आदि मौजूद रहे।

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