ईश्वर को अनुभव से देखा जा सकता है: साध्वी पद्म हस्ता भारती

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प्रयागराज। श्री बांके बिहारी परिवार एवं श्री अग्रसेन अग्रवाल समाज, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का पाँचवाँ चरण अत्यंत भावपूर्ण, भक्तिमय एवं आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा। कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति और वातावरण की दिव्यता ने पूरे आयोजन को एक अलौकिक अनुभव में परिवर्तित कर दिया।

व्यास पीठ पर विराजमान दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की सुप्रसिद्ध साध्वी पद्म हस्ता भारती ने अपनी ओजस्वी एवं भावपूर्ण वाणी से श्रीमद् भागवत के गूढ़ रहस्यों का सरल एवं प्रभावी ढंग से निरूपण किया। उन्होंने कहा कि ईश्वर को केवल देखा नहीं जाता, बल्कि अनुभव किया जाता है, और यह अनुभव भक्ति, ज्ञान तथा समर्पण से ही संभव है। उनके प्रवचनों ने उपस्थित श्रद्धालुओं के हृदय को गहराई से स्पर्श किया, जिससे पूरा पंडाल भक्ति रस में डूब गया। कई अवसरों पर श्रोता भावविभोर होकर झूमते और भजन-कीर्तन में लीन दिखाई दिए।

कथा के दौरान मानव जीवन के उद्देश्य, धर्म, करुणा, सेवा, पारिवारिक मूल्यों एवं सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। साध्वी पद्म हस्ता भारती ने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाला आध्यात्मिक मार्गदर्शक है, जो व्यक्ति को आत्मिक शांति और सामाजिक संतुलन की ओर अग्रसर करता है।

कार्यक्रम के दौरान आरती एवं दीप प्रज्वलन समाज के विशिष्ट जनों द्वारा संपन्न कराया गया। इस अवसर पर श्री अग्रसेन अग्रवाल समाज के अध्यक्ष पीयूष रंजन अग्रवाल, महामंत्री अभिषेक मित्तल, मंत्री अजीत बंसल सहित आशीष गोयल, अभिनव अग्रवाल, आशुतोष गोयल, अंकित कोटोंस, राहुल पटाखा, वैभव गोयल, राजन टंडन, मोहिनी अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, रश्मि पुरवार, अनिल, तुषार, अंकुर, प्रमेय, आशुतोष सन्द सहित समाज के अनेक गणमान्य सदस्य एवं श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

आयोजकों ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का उद्देश्य समाज में आध्यात्मिक चेतना का प्रसार करना, पारिवारिक एवं सामाजिक मूल्यों को सुदृढ़ करना तथा नई पीढ़ी को सनातन संस्कृति से जोड़ना है। आने वाले दिनों में भी कथा का प्रवाह इसी भक्ति एवं ज्ञान के वातावरण में निरंतर जारी रहेगा।

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