अगले सत्र ने यूपी के मदरसों में पढ़ाया जाएगा NCERT का कोर्स, यूनिफॉर्म भी होगी तय

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उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए बड़ा आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) का कोर्स यूपी के सभी मान्यता प्राप्त और राज्य सहायता प्राप्त मदरसों में मार्च से शुरू होने वाले अगले सत्र से चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा।

जबकि जल्द ही मदरसों में बच्चों की यूनिफॉर्म वितरण भी जल्द ही शुरू किया जाएगा।

सरकारी स्कूलों के बच्चों की तरह मिलेंगे यूनिफॉर्म के पैसे

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत जहां सरकारी स्कूलों के छात्रों को यूनिफॉर्म के लिए 1,200 रुपये मिल रहे हैं। वहीं मदरसा छात्रों के लिए भी सरकार को इस संबंध में भेजा गया प्रस्ताव स्वीकार होते ही यूनिफॉर्म के लिए राशि मिलनी शुरू हो जाएगी।

यूपी राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड की हुई बैठक

यूपी राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मार्च-अप्रैल से मदरसों में एनसीईआरटी कोर्स शुरू किया जाएगा। हालांकि मदरसों के लिए कोई ड्रेस कोड अभी तय नहीं किया गया है, लेकिन वे छात्रों के लिए कुर्ता-पायजामा और छात्राओं के लिए सलवार-कुर्ता यूनिफॉर्म तय कर सकते हैं। यह बुधवार को यूपी राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक में तय लिया गया।

बैठक में ये लोग रहे मौजूद

बैठक में कमर अली, तनवीर रिजवी, डॉ. इमरान अहमद, असद हुसैन, आशीष आनंद (वित्त एवं लेखा अधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय) और जगमोहन सिंह (रजिस्ट्रार, यूपी मदरसा शिक्षा परिषद, लखनऊ) सहित बोर्ड के सदस्य उपस्थित रहे।

यूपी में ये है मदरसों की स्थिति

जानकारी के मुताबिक वर्तमान में यूपी में 25,000 से अधिक मदरसे हैं। यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन की ओर से 16,513 से ज्यादा मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से 558 सरकारी सहायता प्राप्त हैं, जबकि अन्य केवल मदरसा शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हैं। ऑडिट में सामने आया है कि 19 लाख से ज्यादा छात्र मान्यता प्राप्त मदरसों में नामांकित हैं। जबकि लगभग 7 लाख छात्र राज्य के लगभग 8,500 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ रहे हैं।

धर्म के साथ पढ़ेंगे हर विषय

जावेद ने बताया कि गैर मुस्लिम बच्चों को प्रवेश देने वाले मदरसों की जांच के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश को बोर्ड के सदस्यों ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हर धर्म के छात्रों को मदरसों में पढ़ने का अधिकार है। चूंकि राज्य के मदरसे आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रहे हैं। अब वे धर्म के साथ-साथ हर विषय को पढ़ेंगे।

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