विधायकों ने उद्योगों के विकास पर पूछा सवाल तो औद्योगिक विकास मंत्री नन्दी ने दिया जवाब
जनपदवार आए निवेश प्रस्ताव के साथ ही औद्योगिक इकाई स्थापित करने की योजना से कराया अवगत
उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर विधानसभा में सवाल पूछा गया था। विधायक सचिन यादव व अखिलेश ने प्रश्न के माध्यम से पूछा था कि प्रदेश में वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कितने धनराशि के निवेश उद्योगवार प्राप्त हुए और किन-किन जनपदों में नई औद्योगिक इकाई स्थापित करने की सरकार की क्या योजना है। जिसका जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने प्राप्त निवेश प्रस्ताव व जनपदवाद योजनाओं से अवगत कराया।
मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पहली बार उद्योग और निवेश का ऐसा गंतव्य बन कर उभरा है कि आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों के भी बड़े-बड़े इण्डस्ट्रलिस्ट उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आतुर हैं और आ रहे हैं। पहली बार उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया और इन्वेस्टमेंट का जो माहौल बना, वह अपने आप में ऐतिहासिक है। पहले की सरकारों में गुण्डागर्दी हावी थी, कोई उद्यमी जमीन खरीद कर जैसे ही जेसीबी लगाता था, वसूली के लिए एक गुण्डा आकर खड़ा हो जाता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गुण्डों पर लगाम लगाई गई है। उसी के कारण आज देश ही नहीं बल्कि पुरी दुनिया उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले दुनिया के 17 देशों के 21 शहरों में इन्वेस्टर समिट आयोजित हुए। जिसके परिणाम स्वरूप 33.52 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
जवाब देते हुए औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने कहा कि जिन्होंने उत्तर प्रदेश को जंगलराज बना रखा था, जिनके शासनकाल में निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश करने और उद्योग लगाने से डरते थे, जिनके शासनकाल में उद्यमियों का पलायन हो रहा था, वे प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में देश का ग्रोथ इंजन और निवेश का गंतव्य बन चुके उत्तर प्रदेश में आए ऐतिहासिक निवेश पर सवाल उठाते हैं। हमारी सरकार सवालों से भागती नहीं है, क्योंकि हमारे पास जवाब है, ऐतिहासिक ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के आयोजन का और 33.52 लाख करोड़ से अधिक के ऐतिहासिक निवेश प्रस्ताव का।