क्या बच जाएगी मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की सांसदी? सजा पर भी लग सकती है रोक.

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गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट 29 अप्रैल को 16 साल पुराने मामले में अंसारी भाईयों को सजा सुनाई थी। अब अफजाल अंसारी की टीम का पूरा फोकस फिलहाल सजा पर रोक लगवाने पर रहेगा। अगर सजा पर रोक लगी और अफजाल अंसारी को अंतरिम जमानत मिली तो वह जेल से बाहर भी आ सकेंगे।

प्रयागराज: गैंगस्टर मामले में मिली 4 साल की सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। अफजाल ने गाजीपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) के फैसले को चुनौती दी है जिसमें अपील के साथ कोर्ट में एक अलग से अर्जी भी दाखिल की गई है। अपील का निपटारा होने तक सजा पर रोक लगाए जाने की भी गुहार लगाई गई है। अगर सजा पर स्टे हुआ यानी रोक लगी तो अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो जाएगी।

गाजीपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज 2007 के एक मामले में अफजाल अंसारी को जेल की सजा सुनाई है। इसी मामले में उसके भाई और पूर्व विधायक मुख्तार को भी 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।

बता दें कि अफजाल अंसारी की टीम का पूरा फोकस फिलहाल सजा पर रोक लगवाने पर रहेगा। अगर सजा पर रोक लगी और अफजाल अंसारी को अंतरिम जमानत मिली तो वह जेल से बाहर भी आ सकेंगे।

बीजेपी नेता कृष्णनंद राय की हत्या के मामले हुई है सजा

गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट 29 अप्रैल को 16 साल पुराने मामले में अंसारी भाईयों को सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कैद के साथ दोनों पर जुर्माना भी लगाया था। आदेश के अनुसार अफजाल के ऊपर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया तो वहीं मुख्तार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

कोर्ट में सजा सुनाए जाने के समय अफजाल अंसारी कटघरे में मौजूद रहा वहीं मुख्तार को बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था। बता दें कि दोनों के खिलाफ बीजेपी नेता कृष्णनंद राय की हत्या के मामले में केस दर्ज किया गया था।

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