DPS में कक्षा तीन में पढ़ने वाले कामरान उल्ला ने 8 वर्ष की उम्र मे रखा पहला रोज़ा

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प्रयागराज अल्लाह की बारगाह मे क्या बड़ा क्या छोटा हर शख्स अपने परवरदिगार की रज़ा के लिए जहाँ दिन भर की शिद्दत और भूख और प्यास को क़ाबू मे रख कर इबादत मे मशग़ूल है वहीं छोटे छोटे बच्चे भी बड़ो के बराबर चलने की कोशिश करते हुए रोज़ा रख रहे हैं।

करैली के रहने वाले हाजी सलामत उल्ला के आठ वर्षीय पुत्र कामरान उल्ला भी आज रोज़ादारों मे शामिल हो गए।

मुल्क के हालात टीवी पर देख देख कर उनके अन्दर भी लोगों मे प्यार और एकता क़ायम रखने के लिए जज़बा जागा। माँ नाज़िश परवीन से कह कर सहरी मे उठे सहरी खाई और मुल्क मे अमन चैन की दूआ मांगने के साथ पहला रोज़ा भी रख लिया।

मग़रिब की अज़ान होते ही पिता व घर परिवार के लोगों ने कामरान के गुलपोशी करने के बाद दस्तरख्वान सजा कर रोज़ा खुलवाया और खानवादे के लोगों ने बच्चे को पहला रोज़ा रखने पर रोज़ाकुशाई के मौक़े पर तरहा तरहा के उफहार देकर हौसला बढ़ाया।

सभी ने बच्चे के रौशन मुस्तक़बिल के साथ देश मे अमन चैन की दूआ भी की।

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